नयी दिल्ली : लोकतंत्र के मंदिर पर हमले की आज बरसी है. आज ही के दिन 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने संसद को निशाना बनाने की कोशिश की जिसे हमारे जाबांज जवानों ने नाकाम कर दिया.
इस हमले की बरसी पर आज संसद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सहित कई सांसद उपस्थित थे जिन्होंने शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की.
We salute martyrs who lost their lives protecting the Temple of our Democracy on this day in 2001. Their sacrifices are etched in our memory
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2014
इससे पहलेट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले में मारे गए लोगों को सलाम किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि हम उन जवानों को सलाम करते हैं जिन्होंने लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी. उनकी याद सदा हमारे साथ रहेंगी.
इस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मी नानक चंद, रामपाल, ओमप्रकाश, विजेन्द्र सिंह और घनश्याम तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कांस्टेबल कमलेश कुमारी, संसद सुरक्षा सेवा के दो सुरक्षा सहायक जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह इस हमले का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले में एक कर्मचारी देशराज भी मारे गए थे.
शुक्रवार को लोकसभा ने संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर संसद की रक्षा करते शहीद हुए जवानों एवं एक कर्मचारी को श्रद्धांजलि दी और सभी तरह के आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए नये सिरे से प्रयास करने का संकल्प व्यक्त किया.
कल सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने कहा, ‘‘ तेरह वर्ष पूर्व 13 दिसंबर 2001 को हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के गौरव भारत की संसद को कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का निशाना बनाया गया था. उन्होंने कहा कि इस हमले को ड्यूटी पर तैनात हमारे बहादुर एवं सतर्क सुरक्षा बलों ने असफल कर दिया था.
अध्यक्ष ने कहा कि सदन 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादी हमले के दौरान संसद की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है और उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करती है. सुमित्र ने कहा, ‘‘ इस अवसर पर हम सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिए नये सिरे से प्रयास करने के संकल्प को दोहराएं और मातृभूमि की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी वचनबद्धता को दृढता से व्यक्त करें.
सदस्यों ने अपने स्थानों पर खडे हो कुछ पल मौन रहकर आतंकी हमले को नाकाम करने में अपने प्राणों की आहूति देने वालों के प्रति सम्मान प्रकट किया.