पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि सैन्य साजो समान की त्वरित खरीदारी के लिए सरकार देश में विभिन्न विदेशी हथियार कंपनियों के प्रतिनिधियों को वैध दर्जा देने पर विचार कर रही है.
पर्रिकर ने कहा ‘‘हम कंपनी प्रतिनिधियों को इजाजत देंगे. वे बिचौलिया होंगे. जब मैं बिचौलिया कहता हूं तो इसका मतलब कमिशन एजेंट या दलाल नहीं होता. वह भारत में अपनी कंपनी के प्रतिनिधि होंगे.’’ मंत्री ने कहा कि कंपनी प्रतिनिधि मेहनताना पाने के आधार पर काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह सूचना प्रदाता होंगे.’’ पर्रिकर ने कहा, ‘‘कई बार हमें प्रतिपुष्टि की जरुरत होती है और ऐसे भी लोगों की जरुरत होती है जो हमें जानकारी दें. कुछ विदेशी कंपनियां हैं जो भारत आना चाहती हैं. वे अपने लोगों को भेजते रहने के आधार पर काम नहीं करना चाहतीं.’’ उन्होंने कहा कि बिचौलियों को वैध बनाने की अवधारणा पर अभी अंतिम राय नहीं बनी है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस विचार को रख रहा हूं. यह फैसला नहीं है. यह प्रबल विचार है. लोगों से जवाब और प्रतिक्रिया आमंत्रित है.’’ मंत्री ने कहा कि बिचौलिये को देश में प्रतिनिधित्व करने के लिए मूल कंपनी से खर्चा वसूलने की इजाजत दी जा सकती है.
पर्रिकर ने कल हथियारों की खरीद के लिए प्रतिनिधियों को शामिल करने के बारे में अगले महीने एक स्पष्ट नीति पेश करने की घोषणा की थी. नई नीति रिश्वतखोरी में शामिल पाई जाने वाली कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान करेगी.