पणजी: कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज नक्सलियों से हिंसा का मार्ग छोडकर उनकी पार्टी में शामिल होने को कहा.सिंह ने गोवा में चल रहे प्रदेश कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ से इतर कहा, ‘‘नक्सलियों को मुख्यधारा में आ जाना चाहिए जिस तरह नेपाल के माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोडकर सहभागितापूर्ण राजनीति की मुख्यधारा का दामन थामा है.
नक्सलियों को भी ऐसा ही करना चाहिए.अगर उन्हें लगता है कि कांग्रेस सही दल है तो उनका पार्टी में शामिल होने के लिए बहुत स्वागत है.’’ कांग्रेस महासचिव ने ऐसा ही बयान पिछले दिनों झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान दिया था जिस पर भाजपा सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में दिग्विजय का नाम लिये बिना निंदा की थी.
हालांकि सिंह ने झारखंड चुनाव प्रचार के दौरान अपनी टिप्पणी के संदर्भ में कहा, ‘‘मैंने क्या कहा था? मैंने कहा कि नक्सलियों को हिंसा की राजनीति छोडनी चाहिए और लोकतांत्रिक राजनीति की मुख्यधारा में आ जाना चाहिए.मैंने कहा था कि उन्हें लोकतंत्र में सहभागिता अदा करनी चाहिए और मैं यह भी कहूंगा कि उन्हें सांप्रदायिकता, हिंसा और नफरत की राजनीति को हराना चाहिए.’’
सांप्रदायिकता की राजनीति के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं निश्चित रुप से भाजपा की बात कर रहा हूं.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग धार्मिक आधार पर समाज को बांट रहे हैं और सांप्रदायिक हिंसा को भडका रहे हैं. इसलिए उनका विरोध होना चाहिए.
सिंह ने केंद्र सरकार पर संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ काम करने की कोशिश का और बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.धर्मांतरण के विरोध में कानून लाने पर हो रही बहस पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि वह प्रलोभन या जबरदस्ती किसी भी तरह के धर्मांतरण के खिलाफ हैं.