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धर्मान्तरण मुद्दे पर रास में फिर से विपक्ष का हंगामा
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज विपक्ष ने धर्मान्तरण के मुद्दे पर देश में कथित उन्माद फैलाने का प्रयास किये जाने और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर प्रहार किये जाने का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने तक सदन नहीं चलने की चेतावनी दी. गौरतलब है कि इस मुद्दे पर […]
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज विपक्ष ने धर्मान्तरण के मुद्दे पर देश में कथित उन्माद फैलाने का प्रयास किये जाने और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर प्रहार किये जाने का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने तक सदन नहीं चलने की चेतावनी दी.
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर पिछले सप्ताह भी सदन में भारी हंगामा हुआ था जिस कारण सदन की कार्रवाई बाधित हुई थी.
विपक्ष की ओर से इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था जिसे नामंजूर कर दिया गया. सरकार आज इस मुद्दे पर चर्चा करवाने से सहमत नहीं हुई. संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सदन मेंधर्मान्तरणके मुद्दे पर 17 दिसंबर को चर्चा निर्धारित की गयी है और इस समय विपक्ष की ओर से इस तरह का प्रस्ताव लाने की कोई तुक नहीं है.
कार्य स्थगन प्रस्ताव को उप सभापति पी जे कुरियन द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने पर कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं और जब तक इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती तब तक कामकाज नहीं चलने दिया जाएगा.
इस पर सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि क्या आप आसन को धमकी दे रहे हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. इससे पहले कांग्रेस नेता शर्मा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमनेधर्मान्तरणके मुद्दे पर नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है.धर्मान्तरणके मुद्दे पर सदन में फौरन चर्चा कराई जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गयी है. सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन होने का मुखौटा पहने एक संगठन देश मेंधर्मान्तरणके नाम पर तनाव उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है. देश के बडे़ प्रांतों में इसके लिए जानबूझकर कार्यक्रम बनाये गये हैं.
शर्मा ने कहा किधर्मान्तरणके मुद्दे पर देश में विस्फोटक स्थिति पैदा हो सकती है इसलिए इस पर सदन में चर्चा कराई जानी चाहिए.
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने कहा कि इस मुद्दे पर 17 दिसंबर को सदन में चर्चा होनी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर हर दिन चर्चा कराने की मांग नहीं कर सकता.
इसी बीच माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इस सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम एक पैकेज का हिस्सा हैं. इसके जरिये धर्मनिरपेक्ष संविधान पर प्रहार किया जा रहा है. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि देश में धर्मांतरण के मुद्दे पर कुछ लोग उन्माद फैलाना चाहते हैं.
कुरियन ने विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह बात सही है कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का एक नोटिस मिला है लेकिन सभापति ने किसी प्रस्ताव पर चर्चा कराने से इनकार किया है.
इस पर कांग्रेस नेता शर्मा ने कहा किधर्मान्तरणके नाम पर जो कुछ चल रहा है, उस पर सदन में चर्चा करवाना बेहद जरूरी है.
उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दी जाएगी, तब तक सदन में कामकाज नहीं होने दिया जाएगा. इसके बाद कांग्रेस तथा जदयू सदस्य चर्चा की मांग के साथ नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गये.
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