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स्मृति ईरानी ने क्रिसमस पर विद्यालय खुले रखने के मामले को गलत रिपोर्टिंग बताया

नयी दिल्ली : विपक्ष क्रिसमस पर नवोदय विद्यालय के खुले रखने का विरोध कर रहा है. माकपा समेत कई पार्टियां जिनमें द्रमुक भी शामिल है उन्होंने भी सरकार से इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. कथित रूप से सरकार के इस फैसले को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2014 4:49 PM

नयी दिल्ली : विपक्ष क्रिसमस पर नवोदय विद्यालय के खुले रखने का विरोध कर रहा है. माकपा समेत कई पार्टियां जिनमें द्रमुक भी शामिल है उन्होंने भी सरकार से इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. कथित रूप से सरकार के इस फैसले को लेकर

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. मंत्रालय ने इसके जरिये यह साफ करने की कोशिश की है कि इस दिन स्कूलों को खुला रखने का आदेश नहीं दिया.
इस दिन आवासीय विद्यालय में एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गयी है. उन्होंने साफ किया कि इस दिन सीबीएसइ ने किसी स्कूल को खुला रखने के आदेश नहीं दिये हैं. सभी स्कूल क्रिसमस के दिन बंद रहेंगे. 24 और 25 दिसंबर को ऑनलाइन निबंध की प्रतियोगिता रखी गयी है जिसमें घर से हिस्सा लिया जा सकता है.
मंत्रालय को इस मामले में इसलिए भी सफाई देनी पड़ी क्योंकि विपक्ष ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया था. माकपा ने इस फैसले का विरोध करते इसे ईसाइयों के धार्मिक अधिकारों पर ‘‘हमला’’ करार दिया. उन्होंने इस फैसलो को वापस लेने की मांग की थी.
एम करुणानिधि ने भी जताया विरोध
द्रमुख पार्टी के प्रमुख एक करुणानिधि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सांप्रदायिक सौहार्द का उपहास उड़ाने वाले हिंदुत्व संगठनों पर अंकुश लगाने की अपील की है.
25 दिसंबर को सुशासन दिवस के तौर पर मनाने के मामले में अन्य पार्टियों के साथ विरोध जताते हुए द्रमुक ने कहा है कि इससे क्रिसमस त्यौहार मनाने में बाधा पैदा होगी.
वाराणसी में धर्मांतरण कराने जा रही धर्म जागरण समिति के कथित बयानों का हवाला देते हुए द्रमुक प्रमुख ने हैरानी जाहिर की है कि प्रधानमंत्री जिस निर्वाचन क्षेत्र का खुद प्रतिनिधित्व करते हैं वहां ऐसी चीजें कैसे हो सकती है.
91 वर्षीय नेता ने एक बयान में कहा, ‘‘समिति की ईसाइयोंऔर मुस्लिमों को हिंदू बनने पर दो से पांच लाख रुपये का प्रलोभन देना भारत में सांप्रदायिक सौहार्द का उपहास है.’’ उन्होंने कहा है, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मोदी हस्तक्षेप नहीं करते हैं और ऐसी ताकतों पर अंकुश नहीं लगाते हैं तो भविष्य में एक ऐतिहासिक भूल होगी और उनपर दोष मढा जाएगा.’’
केंद्र के 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के तौर पर मनाने के प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपने दायरे में आने वाले नवोदय स्कूलों को उस दिन छात्रों के लिए निबंध प्रतियोगिता कराने को कहा है. उन्होंने कहा केंद्र ने अजीब स्थिति बना दी है क्योंकि छात्र क्रिसमस नहीं मना पाएंगे.
नवोदय विद्यालयों को इस कथित निर्देश की आलोचना करते हुए तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ई वी के एस एलनगोवन ने कहा कि इससे अल्पसंख्यक लोगों की संवेदना को ठेस पहुंचेगी. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह क्रिसमस की महत्ता को घटाना है. ’’एमडीएमके प्रमुख वाइको ने भी इसे वापस लिये जाने की मांग की.
खबर थी कि सरकार इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाना चाहती है. नवोदय स्कूल प्रबंधन पहले ही यह फैसला कर चुका है कि 24 और 25 दिसंबर को स्कूल खुले रहेंगे.’’ लेकिन मंत्रालय के इस मामले में पूरी जानकारी देने के बाद यह साफ है कि यह फैसला स्कूल के द्वारा लिया गया है. सरकार ने अपनी तरफ से स्पष्ट किया है कि इस तरह का कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है तथा ‘सुशासन दिवस’ पर केवल ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है.

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