एलएन मिश्र हत्याकांड : सजा का एलान 18 को
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 1975 के ललित नारायण मिश्र हत्या मामले में सोमवार को दोषियों की सजा के बारे में दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस बारे में 18 दिसंबर को आदेश सुनाया जायेगा. एक सप्ताह से वकीलों की हड़ताल के बाजवूद कोर्ट ने सजा के बारे में दलीलें सुनीं. […]
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 1975 के ललित नारायण मिश्र हत्या मामले में सोमवार को दोषियों की सजा के बारे में दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस बारे में 18 दिसंबर को आदेश सुनाया जायेगा. एक सप्ताह से वकीलों की हड़ताल के बाजवूद कोर्ट ने सजा के बारे में दलीलें सुनीं.
सीबीआइ ने यह मुद्दा अदालत के विवेक पर छोड़ दिया कि क्या दोषी मौत की सजा के हकदार हैं. बहस के दौरान सीबीआइ अभियोजक एनके शर्मा ने कहा कि इस मामले के निस्तारण में बहुत अधिक समय लगा है. लेकिन, इसके लिए न तो अभियोजन, न आरोपी व्यक्ति जिम्मेदार हैं. दोषियों में से एक रंजन द्विवेदी ने जिला जज विनोद गोयल से कहा, ‘मेरा अभी भी मानना है कि मैं एक बेगुनाह व्यक्ति हूं. मैं संस्कारों का विज्ञान जानता हूं और मैं यह नहीं मानता कि आपने (न्यायाधीश ने) मुझे दोषी ठहराया, बल्कि यह मेरी नियति थी.
मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज के खिलाफ जाकर दया की मांग नहीं करूंगा, नहीं तो मरने से पहले मैं सैकड़ों बार मरूंगा. तीन दोषियों संतोषानंद, सुदेवानंद और गोपालजी के वकील ने अपने मुवक्किलों के लिए उदार रुख अपनाने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी आयु अधिक है.
वे विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं. बचाव पक्ष के वकील फिरोज अहमद ने कहा कि तीनों दोषी संन्यासी हैं और वे किसी भी मायने में समाज के लिए खतरा नहीं हैं. इसलिए उदार रुख अपनाया जाना चाहिए. चारों लोगों को हत्या के अपराध का दोषी ठहराया गया है. इसके लिए इन्हें कम से कम उम्रकैद और अधिकतम मौत की सजा हो सकती है.