मेहदी में कूट-कूटकर भरी हैं कट्टरपंथी भावनाएं, सिर कलम करने को नहीं मानता गलत

नयी दिल्ली : आइएसआइएस का ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोप में रविवार को बेंगलुरु की एक निचली अदालत ने मेहदी मसरुर को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था जिसके बाद से नित्य नए खुलासे हो रहे हैं. मेहदी काफी क्रूर व्यक्ति इसका पता इस बात से चलता है कि वह ‘‘दुश्मन’’ का सिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2014 10:03 AM

नयी दिल्ली : आइएसआइएस का ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोप में रविवार को बेंगलुरु की एक निचली अदालत ने मेहदी मसरुर को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था जिसके बाद से नित्य नए खुलासे हो रहे हैं. मेहदी काफी क्रूर व्यक्ति इसका पता इस बात से चलता है कि वह ‘‘दुश्मन’’ का सिर कलम करने को बुरा नहीं मानता है.

उससे बेंगलुरु के सुरक्षित ठिकानों पर उससे लगातार पूछताछ कर रही है.जांच से जुड़े अधिकारियों के हवाले से जो खबर आ रही है, उसके मुताबिक, अब यह पता लगाने की कोशिश चल रही है कि क्या मसरूर आइएसआइएस के किसी स्लीपर सेल को तैयार करने में जुटा था या उसने ऐसा कोई संगठन तैयार भी कर लिया था या फिर देश में सक्रिय आतंकवादी संगठनों से उसका कोई तालमेल था.

जांच अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन ‘आईएसआईएस’ के समर्थन में ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोपी मेहदी मसरुर विश्वास को एक ऐसा नौजवान बताया है जिसमें कट्टरपंथी भावनाएं कूट-कूटकर भरी हुई हैं, जो ‘‘दुश्मन’’ का सिर कलम करने में यकीन रखता है और जो अगवा की गई महिलाओं को यौन-इच्छा की पूर्ति का साधन मात्र मानने को भी गलत नहीं मानता.

बेंगलूर में 13 दिसंबर को गिरफ्तार किए गए 24 साल के मेहदी ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि वह इस्लाम के कट्टर स्वरुप में यकीन रखता है और उसे भरोसा है कि एक दिन पूरी दुनिया में ‘खिलाफत’ या इस्लामी राज्य कायम होगा. आधिकारिक सूत्रों ने मूल रुप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले नौजवान के बयान का हवाला देते हुए बताया, ‘‘मेहदी ने भारतीय मुस्लिमों को ‘सरकारी मुस्लिम’ करार दिया जो सरकारी बलों के खिलाफ लडने में अक्षम हैं. उसका मानना है कि दुश्मन का सिर कलम करने और अगवा की गई महिलाओं को यौन-इच्छा की पूर्ति का साधन मात्र मानने में कुछ भी गलत नहीं है.’’

इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से जेहादी प्रचारक बने मेहदी ने जांच अधिकारियों को बताया कि वह 2009 से ही सीरिया, इराक और अफगानिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर रख रहा था और फिर आईएसआईएस का समर्थक बनकर उसके लिए प्रचार करने लगा. मेहदी ने कहा कि उसे किसी के आईएसआईएस में शामिल होने की जानकारी नहीं है और न ही उसने कभी इस्लामिक स्टेट के किसी लडाके से बात की है. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां उसके दावों की जांच में जुटी हैं.

सूत्रों के मुताबिक, उसने कहा कि मुंबई के जो तीन युवक अब भी इराक-सीरिया में हैं, उनमें से एक युवा आईएसआईएस समर्थक ट्विटर चला रहा है और संगठन के समर्थन में ट्वीट करता है. अपनी गिरफ्तारी से 4-5 दिनों पहले मेहदी काफी परेशान था और उसने अपनी मां को बताया था कि वह अपने भविष्य के बारे में कुछ भी निश्चित नहीं कह सकता.

Next Article

Exit mobile version