नयी दिल्ली : विशेष अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में तत्कालिन कोयला मंत्री से का बयान दर्ज करने को कहा है. कोयला घोटाला मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए अदालत ने उद्योगपति कुमार मंगलम बिडला की कथित संलिप्तता वाले मामले में सीबीआई को निर्देश दिया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिनके पास 2005 में कोयला मंत्रालय का प्रभार था, तथा अन्य के बयान दर्ज करे.
मामले में दाखिल सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करते हुए विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर ने कहा, ‘‘मैंने और जांच के आदेश दिए हैं. मैं चाहता हूं कि अन्य अधिकारियों के अतिरिक्त तत्कालीन कोयला मंत्री :मनमोहन सिंह: के बयान दर्ज किए जाएं.’’ अदालत ने एजेंसी को यह भी निर्देश दिया कि वह मामले में अपनी आगे की जांच पर अगले साल 27 जनवरी को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे.
इसने यह आदेश उस मामले में दिया जिसमें 2005 में ओडिशा में हिंडाल्को को तालाबीरा दो और तीन कोयला ब्लॉक आवंटन किए जाने के संबंध में बिडला, पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इससे पूर्व 12 दिसंबर को अदालत ने मामले में दाखिल सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था जिसमें एजेंसी ने बंद लिफाफे में केस डायरी और अपराध से जुडी फाइलें भी जमा की थीं.
गौरतलब है इस मामले में शीर्ष उद्योगपति केएम बिरला, पूर्व कोयला सचिव पीसी पारिख समेत कई लोगों के नाम सामने आए थे. बिरला की कंपनी हिंडालको को जब ओडिशा के तालाबीरा में 2005 में कोयला खदान आवंटित किए गए थे, उस वक्त तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह कोयला मंत्रालय का भी काम देख रहे थे.
इस मामले में सीबीआइ की ओर से क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई थी जिसे पटियाला कोर्ट ने आज खारिज कर दिया. क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया था कि हिंडालको को जो कोयला खदान दी गई थी उसमें कोई गडबड़ी नहीं है.