अमेरिका के जासूसी कार्यक्रम का विरोध करे भारत

नयी दिल्ली: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने अमेरिका के जासूसी कार्यक्रम को लेकर भारत सरकार के रुख पर निराशा जताते हुए कहा कि इस ‘अति संवेदनशील’ मामले पर देश की हुकूमत को पुरजोर विरोध करना चाहिए. जमात के अमीर (प्रमुख) जलालुद्दीन उमरी ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनएसए के अधिकारी रहे एडवर्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:56 PM

नयी दिल्ली: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने अमेरिका के जासूसी कार्यक्रम को लेकर भारत सरकार के रुख पर निराशा जताते हुए कहा कि इस ‘अति संवेदनशील’ मामले पर देश की हुकूमत को पुरजोर विरोध करना चाहिए.

जमात के अमीर (प्रमुख) जलालुद्दीन उमरी ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनएसए के अधिकारी रहे एडवर्ड स्नोडेन की ओर से लीक किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि अमेरिका भारत सहित 38 देशों के दूतावासों की जासूसी कर रहा है.

यह निजता और स्वतंत्रता का पूरी तरह से उल्लंघन है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस पूरे मामले पर भारत सरकार का रुख निराशाजनक है. यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे विदेश मंत्री (सलमान खुर्शीद) इस जासूसी कार्यक्रम का बचाव करते नजर आ रहे हैं. देशहित को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार को इस मामले पर पुरजोर विरोध करना चाहिए.’’

उमरी ने मिस्र में पिछले दिनों सेना द्वारा राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से बेदखल किए जाने को ‘तख्तापलट’ करार देते हुए कहा, ‘‘लोकतांत्रिक ढंग से चुने राष्ट्रपति मुर्सी का तख्तापलट किए जाने के पीछे आंतरिक और बाहरी तत्वों की साजिश है. मिस्र की जनता को यह सोचना चाहिए कि सेना का काम सीमा की सुरक्षा करना है या देश पर हुकूमत. हम उम्मीद करते हैं कि वहां फिर से लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल होगी.’’

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