नयी दिल्ली: सरकार ने आज विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें बार- बार दवाओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि का आरोप लगाया जा रहा था. रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज लोकसभा में जीवन रक्षक दवाओं कीमतों में वद्धि और नकली दवाओं की मौजूदगी के कारण हो रहे स्वास्थ्य संकट के बारे में एकध्याणाकर्षणप्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, 175 अन्य आवश्यक दवाओं को मूल्य नियंत्रण के तहत ले आया गया है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक महत्पूर्ण नेता ने, जिनका वह नाम नहीं लेना चाहेंगे, कहा है कि कैंसर रोधी एक दवा की कीमत साढ़े आठ हजार रुपए प्रति 30 टैबलेट से बढा कर एक लाख आठ हजार रुपये कर दी गई. उन्होंने कहा कि यह आरोप पूरी तरह गलत है और वास्तविकता यह है कि इस दवा की कीमत बढ़ाने की बजाए उसे कुछ कम ही किया गया है.
कुमार ने कहा कि दवा मूल्य नियंत्रण के तहत पहले 440 आवश्यक दवाएं थीं जिन्हें मोदी सरकार में बढ़ा कर 617 कर दिया गया है.कांग्रेस की रंजीता रंजन और सुष्मिता देव तथा भाजपा के वरुण गांधी ने ध्यानाकर्षण के जरिए यह मुद्दा उठाया था. कांग्रेस की दोनों सदस्यों ने छत्तीसगढ में नसबंदी प्रक्रिया के दौरान कुछ महिलाओं की मौत सहित दवाओं की बढ़ती कीमत और अनुपलब्धता को लेकर सरकार की आलोचना की.
वरुण गांधी ने हालांकि सरकार का बचाव करते हुए कहा कि कैंसर और अन्य आवश्यक दवाओं के मूल्य नहीं बढ़े हैं. इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को कई बार उन्हें कहना पड़ा कि वे स्पष्टीकरण नहीं दें क्योंकि यह मंत्री का काम है और अगर उनके कोई स्पष्टीकरण हैं तो वह उन्हें पूछें.
वरुण गांधी ने कहा कि यह 2014 है, आदर्श समाजवाद का युग नहीं है और दवा निर्माता कंपनियों को नुकसान में रख कर कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है.अनंत कुमार ने कहा कि दवाओं के मूल्य नियंत्रण की व्यवस्था से दवा कंपनियों को 350 करोड़ रुपये नुकसान होने की बात कही गई और और वे कंपनियां इसके विरुद्ध अदालत में गई हैं, हालांकि न्यायालय ने इस कोई स्थगन आदेश नहीं दिया है और कंपनियों का घाटा जारी है. स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने भी चर्चा का जवाब देते हुए कहा छत्तीसगढ जैसी घटना नहीं होने देने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है.
जेनरिक दवाओं के बारे में अनंत कुमार ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने जेनरिक दवायें उपलब्ध कराने के लिए देशभर में 3000 आउटलेट खोलने का संकल्प किया है.उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार जेनरिक दवाओं की वितरण प्रणाली का विस्तार करना चाहती है और इसके लिए उसने देशभर में तीन हजार आउटलेट खोलने का संकल्प लिया है, और इस बारे में सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों को पत्र लिखे जा चुके हैं.’’
उन्होंने कहा कि राज्यों से कहा गया है कि वह इस बारे में केंद्र सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करें जिससे इस योजना को आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें इसके लिए अपने हर जिले में एक अस्पताल में यह आउटलेट खोलने के लिए चिंहित करे जिनसे जेनरिक दवाओं की आपूर्ति हो सके.