राष्ट्रपति ने जीएसएलवी- मार्क 3 के प्रक्षेपण की सफलता पर बधाई दी
नयी दिल्ली: जीएसएलवी- मार्क 3 के सफल प्रायोगिक प्रक्षेपण को मानवीय अंतरिक्ष अभियानों की दिशा में इसरो का महत्वपूर्ण कदम बताते हुये राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसरो को बधाई दी है और इस सफल प्रक्षेपण को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया है. इसरो अध्यक्ष डॉक्टर के राधाकृष्ण को भेजे […]
नयी दिल्ली: जीएसएलवी- मार्क 3 के सफल प्रायोगिक प्रक्षेपण को मानवीय अंतरिक्ष अभियानों की दिशा में इसरो का महत्वपूर्ण कदम बताते हुये राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसरो को बधाई दी है और इस सफल प्रक्षेपण को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया है.
इसरो अध्यक्ष डॉक्टर के राधाकृष्ण को भेजे अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा है, ‘‘जीएसएलवी-मार्क 3 का प्रक्षेपण हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह एक बार फिर भारत की अंतरिक्ष प्रक्षेपण तकनीक में बढती क्षमताओं को दर्शाता है.’’ उन्होंने इसरो अध्यक्ष से कहा कि वह उनकी बधाई संगठन के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, तकनीशियनों और इस अभियान में शामिल सभी अन्य लोगों तक पहुंचा दें.
उन्होंने कहा ‘‘अपने साथ ‘क्रू मॉड्यूल ऐटमस्फेरिक रि-इंटरी एक्सपेरीमेंट (सीएआरई) ले जाने वाले भारत के आधुनिकतम भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण वाहन के सफल प्रायोगिक प्रक्षेपण के लिए आप (अपने लिए) और इसरो में अपनी टीम के लिए कृपया हमारी हार्दिक बधाई स्वीकार करें. भविष्य में सफलतापूर्वक अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए मैं शुभकामनाएं देता हूं.’’
मानव को अंतरिक्ष में भेजने के भारतीय लक्ष्य की ओर नन्हें कदम बढाते हुए इसरो ने आज अपने सबसे भारी प्रक्षेपण वाहन जीएसएलवी एमके-3 के प्रक्षेपण के साथ ही चालक दल मॉड्यूल को वातावरण में पुन: प्रवेश कराने का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया. जीएसएलवी एमके-3 का प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया.