फ्लोरोसिस से प्रभावित बस्तियों में 2017 तक सुरक्षित पेयजल सुविधा देगी सरकार
नयी दिल्ली : देश की 14,131 बस्तियों के फ्लोरोसिस से प्रभावित होने का जिक्र करते हुए सरकार ने आज कहा कि साल 2017 तक ऐसी बस्तियों में सुरक्षित पेयजल सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी. लोकसभा प्रो. ए. एस. आर. नायक और डा. मनोज राजोरिया के पूरक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री […]
नयी दिल्ली : देश की 14,131 बस्तियों के फ्लोरोसिस से प्रभावित होने का जिक्र करते हुए सरकार ने आज कहा कि साल 2017 तक ऐसी बस्तियों में सुरक्षित पेयजल सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी. लोकसभा प्रो. ए. एस. आर. नायक और डा. मनोज राजोरिया के पूरक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि देश की 14,131 बस्तियों में फ्लोरोसिस की समस्या है और इससे 1.17 करोड लोग प्रभावित हैं.
इससे सबसे अधिक प्रभावित राजस्थान है और इसके बाद तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश हैं. मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय फ्लोरोसिस निरोधक कार्यक्रम के तहत इस समस्या से निपटने के कार्य को लिया गया है. बाद में इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लिया गया जिसके तहत सर्वेक्षण, उपचार, सर्जरी, पुनर्वास और प्रशिक्षण कार्य शामिल है. नड्डा ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने भी इस कार्य में पहल की है.
इस मंत्रालय ने दो स्तरीय रणनीति बनायी है. दीर्घकालीन नीति के तहत पाइपलाइन से इन क्षेत्रों में पानी पहुंचाना शामिल है. मंत्री ने कहा, ”2017 तक हम ऐसी 14 हजार से अधिक बस्तियों में पीने योग्य पानी पहुंचा देंगे. इस साल चार हजार बस्तियों को इसके दायरे में लाया जायेगा.” नड्डा ने कहा कि फ्लोरोसिस से निपटने के लिए राज्य सरकारों की सहभागिता भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जिला स्तर पर इसे लागू करने के लिए प्रदेशों की मंजूरी जरुरी होती है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान इससे काफी प्रभावित राज्य है. राजस्थान के 33 जिलों में फ्लोरोसिस की समस्या है. इनमें से 23 जिलों में फ्लोरोसिस रोकथाम कार्यक्रम चल रहा है. और आने वाले दिनों में हम ऐसे सभी जिलों को शामिल करेंगे. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि फ्लोरोसिस निरोधक कार्यक्रम के लिए राजस्थान, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश प्राथमिकता के क्षेत्र हैं.
ऐसे क्षेत्रों में अल्पकालिक योजना के तहत आरओ पेयजल संयंत्र लगाया जा रहा है. शशि थरुर के पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि फ्लोरोसिस प्रभावित क्षेत्रों के बारे में पता लगाना सतत प्रक्रिया है और निरंतर जारी है.