वैगन जोडने में देरी से रेलवे को हुआ 1,635 करोड रुपये का घाटा : कैग
नयी दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे की मालढुलाई प्रबंधन में कई खामियों का उल्लेख किया है. कैग ने कहा है कि दक्षता के कई मानदंडों में कमियों की वजह से रेलवे की मालगाडियों का सुगमता से परिचालन प्रभावित हुआ. कैग ने रेलवे को अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने को कहा है. […]
नयी दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे की मालढुलाई प्रबंधन में कई खामियों का उल्लेख किया है. कैग ने कहा है कि दक्षता के कई मानदंडों में कमियों की वजह से रेलवे की मालगाडियों का सुगमता से परिचालन प्रभावित हुआ. कैग ने रेलवे को अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने को कहा है.
संसद में आज पेश ताजा रिपोर्ट में कैग ने कहा, ‘‘गतिविधियों वाले विभिन्न केंद्रों पर वैगनों को अधिक समय तक रोकने की वजह से जरुरत वाले दूसरे केंद्रों पर वैगनों की उपलब्धता प्रभावित हुई है. मालगाडियों के परिचालन के लिए इंजन उपलब्ध नहीं होने की वजह तथा इन गाडियों की औसत गति में कमी से भी मालढुलाई प्रभावित हुई है.’’
कैग ने कहा है कि रेलवे को अपनी निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने की जरुरत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे प्रणाली में 15,815 वैगनों को जोडने में विलंब से सात क्षेत्रों में रेलवे की आमदनी क्षमता 1,635.67 करोड रुपये की कमी आई.रिपोर्ट में कहा गया है कि आमदनी के लिहाज से माल की ढुलाई रेलवे की प्रमुख गतिविधि है. देश में कुल मालढुलाई में रेलवे की 35 फीसद हिस्सेदारी है. रेलवे की कुल आमदनी में दो-तिहाई मालढुलाई से आती है. राष्ट्रीय ऑडिटर ने अपनी रिपोर्ट में 2008 से 2013 के दौरान मालगाडियों के परिचालन प्रदर्शन की समीक्षा की है.