भाजपा आक्रमक चुनावी मोड में
नयी दिल्ली : भाजपा ने आक्रामक चुनावी मोड में आने का आज ऐलान करते हुए कहा कि संकट में फंसी कांग्रेस किसी भी समय चुनाव करवा सकती है और मुख्य विपक्षी दल उसका सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. पार्टी की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी की सशक्त उपस्थिति में यहां […]
नयी दिल्ली : भाजपा ने आक्रामक चुनावी मोड में आने का आज ऐलान करते हुए कहा कि संकट में फंसी कांग्रेस किसी भी समय चुनाव करवा सकती है और मुख्य विपक्षी दल उसका सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
पार्टी की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी की सशक्त उपस्थिति में यहां हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में निर्णय किया गया कि आगामी लोकसभा चुनाव में सुशासन और विकास को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा और इन मुद्दों को भटकाने का प्रयास कर रही कांग्रेस को ऐसा नहीं करने दिया जाएगा. इन दोनों मुद्दों पर जवाबदेही के लिए उसे मजबूर किया जायेगा.
बैठक में मोदी और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को अधिकृत किया गया कि वे चुनावी तैयारियों के लिए पार्टी की दो सूत्री रणनीति को सफल बनाने के वास्ते विभिन्न समितियों का गठन करें. दो सूत्री रणनीति में राजनीतिक और संगठनात्मक अभियान शामिल है.
पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद वरिष्ठ नेता अंनत कुमार ने ये जानकारियां देते हुए बताया, मोदी और राजनाथ सिंह को अधिकृत किया गया है कि ये दोनों मिल कर चुनाव का रणनीतिक ढांचा तैयार करके पार्टी के चुनावी अभियान को आगे बढ़ायें.
यह पूछे जाने पर कि क्या इस कार्य में पार्टी के और नेताओं की हिस्सेदारी नहीं होगी, उन्होंने कहा कि मोदी और सिंह बोर्ड के सभी सदस्यों से सलाह मश्विरा करके इस कार्य को करेंगे.
कुमार ने कहा, भाजपा आक्रामक चुनावी मोड में आ चुकी है. चुनाव की तैयारियों पर नजर रखने और उसे आगे बढ़ाने के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड सहित इसके लिए बनायी जाने वाली विभिन्न समितियों की हर सप्ताह या दस दिन में बैठकें हुआ करेंगी.
कांग्रेस को सीधे निशाने पर लेते हुए भाजपा ने दावा किया, संप्रग अंदर से टूट रहा है, उसमें बिखराव हो रहा है. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यह भरोसा भी नहीं है कि संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक को सहयोगी दलों का समर्थन मिला पायेगा.
इसीलिए इसे अध्यादेश के जरिए लागू किया गया. उसने कहा कि सहयोगी दलों का समर्थन नहीं मिलने के भय से कांग्रेस संसद का मानसून सत्र बुलाने से भी डर रही है और इसीलिए अभी तक मानसून सत्र बुलाने की प्रक्रिया भी शुरु नहीं की गयी है.
अनंत कुमार ने कहा, अपने सहयोगी दलों के इस असहयोग और दबाव के चलते कांग्रेस समय से पूर्व चुनाव करा सकती है. पहले ये चुनाव 2014 में होने थे लेकिन अब ये 2013-14 में हो सकते हैं. चुनाव जब भी हों, हम उसका सामना करने के लिए तैयार है और उसमें विजय हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे.
उन्होंने बताया कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति और खाके पर गहन चर्चा की गयी. बोर्ड की पिछली बैठक पिछले सप्ताह 4 जुलाई को हुई थी.
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई आज की बैठक में उपस्थित सदस्यों में मोदी के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, मुरलीमनोहर जोशी, अनंत कुमार और एम वेंकैया नायडू आदि शामिल हैं.
यह पूछे जाने पर कि पार्टी में मोदी का कद बढ़ाए जाने से नाराज आडवाणी क्या अभी भी गुस्से में हैं, कुमार ने कहा, पूरी पार्टी का गुस्सा कांग्रेस के खिलाफ है.