भाजपा-संघ में तनातनी, बोले अमित शाह – धर्मांतरण के खिलाफ है भाजपा
कोच्चि : धर्मांतरण के मामले पर भाजपा की किरकिरी के बाद आखिरकार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ है और अगर देश के अन्य राजनीतिक दल धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपने रुख पर गंभीर हैं, तो उन्हें इस पर विधेयक का समर्थन करना चाहिए. शाह ने यहां पत्रकारों से […]
कोच्चि : धर्मांतरण के मामले पर भाजपा की किरकिरी के बाद आखिरकार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ है और अगर देश के अन्य राजनीतिक दल धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपने रुख पर गंभीर हैं, तो उन्हें इस पर विधेयक का समर्थन करना चाहिए.
शाह ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, बीजेपी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ है और इसलिए वह कानून लाना चाहती है. तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों को बीजेपी की पहल का समर्थन करना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी इस मुद्दे पर अल्पसंख्यक संगठनों से बातचीत करने को तैयार है.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, इस विषय पर राजनीतिक दलों में सहमति बनने पर ही इस पर सार्वजनिक चर्चा की जा सकती है. उत्तर प्रदेश में संघ के ‘घर वापसी’ कार्यक्रम की खबर के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा, यह मामला अदालत के समक्ष है. अदालत ने इसपर टिप्पणी भी की है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा.
शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि बीजेपी देश को साम्प्रदायिक आधार पर बांटना चाहती है. उन्होंने कहा, इन आरोपों का कोई आधार नहीं है. ब्लैक मनी का जिक्र करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी विदेशों में जमा कालाधन देश में वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है.
धर्मांतरण को लेकर सड़क से सदन तक हंगामा
धर्मांतरण मामले को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद हो रहा है. दोनों सदनों के अलावे बाहर भी भाजपा के सांसदों के बयान से अच्छा खासा बवाल मचा हुआ है. संसद के दोनों सदनों में इस मामले को लेकर इमना बवाल हुआ कि इस सत्र में कई बार दोनों सदनों की कार्यवाही को रोकनी पड़ी.
कई बार सदन स्थगित हुए फिर विपक्ष इस मामले को उठाने से बाज नहीं आ रहा है.विपक्ष इस मुद्दे पर पीएम मोदी के जवाब की मांग पर अड़ा रहा. राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं पीएम का आदर करता हूं. उन्होंने कहा कि अपने लिए वोट मांगना कोई राष्ट्रद्रोह नहीं है लेकिन इसके साथ ही संसद का भी सम्मान किया जाना चाहिए.
गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी से कहा कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से सीखना चाहिए कि संसद का सम्मान कैसे किया जाता है और राजधर्म कैसे निभाया जाता है. नेता विपक्ष ने कहा कि मोदी पहले तो पूरे देश में घूम-घूम कर अपनी पार्टी का प्रचार कर रहे थे लेकिन अब वे अपनी पार्टी और संगठन के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने से बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि जबरन धर्मांतरण जुर्म है और पीएम को इस पर जवाब देना होगा. जिन्होंने दर्द दिया है वही दवा दें.
मीडिया में छाया संघ और मोदी के बीच तकरार की खबर
कुछ समाचार पत्रों की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और संघ के शीर्ष नेताओं के बीच तकरार की खबरें भी सामने आयी हैं. खबर आयी है कि मोदी ने संघ के आला नेताओं को प्रधानमंत्री पद छोड़ने तक की धमकी दे डाली है. उन्होंने कहा कि अगर संघ के बहकावे में पार्टी के सांसद विवादित बयान देने से बाज नहीं आयेंगे तो पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में इसका खमियाजा भुगतना पड़ सकता है.
मोदी ने अनौपचारिक वार्ता के दौरान यहां तक कह दिया कि उन्हें प्रधानमंत्री पद का कोई मोह नहीं है. उन्होंने कहा चुनाव में उनकी पार्टी ने विकास के नाम जनता से वोट लिया है. अगर अभी पार्टी अपने रास्ते से भटक जायेगी तो जनता का विश्वास पार्टी के उपर से उठ जायेगा.
मोदी ने पिछले दिनों पार्टी के एक विधायक के उपर सीएमओ को धमकाने के आरोप में कार्रवाई करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. अब देखना यह है कि अटल सरकार के बाद मोदी सरकार किस हद तक संघ के दबाव को झेल पाती है.
विश्व हिंदू परिषद का ‘घर वापसी कार्यक्रम’
एक ओर विवादित बयानों से सरकारें की मुस्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, वहीं संघ भाजपा राज में छुटकर विवादित कृत्यों को अंजाम देने में लगा हुआ है. विश्व हिंदू परिषद ने की है कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में "घर वापसी" कार्यक्रम आयोजित करेगी.
इसके तहत 60 परिवारों को वापस हिंदू धर्म कबूलवायेगी. संघ की ओर से कहा गया है कि इस प्रक्रिया के लिए लोगों को कोई प्रलोभन नहीं दिया गया और न ही कोई जबर्दस्ती की गयी है. विहिप के रायबरेली के जिला प्रमुख हरीश चंद्र शर्मा ने कहा कि "छद्म धर्मनिरपेक्ष पार्टियां" और राजनेता "घर वापसी" को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास कर रहे हैं.
विहिप नेता ने कहा कि संगठन की 100 परिवारों की घर वापसी करने की योजना है और जैसे ही इतने परिवारों की पहचान कर ली जाएगी, उन्हें फिर से हिन्दू धर्म में शामिल करने की तिथि की घोषणा की जाएगी. जिला प्रशासन ने हालांकि कहा कि राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि ऎसे कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी जाएगी.
विहिप व ‘घर वापसी’ कार्यक्रम के प्रभारी जुगल किशोर का विश्वास है कि ‘घर वापसी’ और विकास का मुद्दा जुड़ा हुआ है. यह विकास मानसिक और भौतिक होने के साथ-साथ सोच और संस्कार से भी जुड़ा है.