कड़ी सुरक्षा के बीच 136 वीं रथयात्रा शुरु
अहमदाबाद : पायलट रहित दो विमानों की निगरानी में कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की 136 वीं रथयात्रा आज सुबह शुरु हो गई.परंपरा के अनुसार, हाथियों ने सबसे पहले भगवान जगन्नाथ की झलक देखी और जुलूस की अगुवाई करते हुए आगे बढ़े.यह रथ यात्र 400 साल से भी पुराने जगन्नाथ मंदिर से निकली जो […]
अहमदाबाद : पायलट रहित दो विमानों की निगरानी में कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की 136 वीं रथयात्रा आज सुबह शुरु हो गई.परंपरा के अनुसार, हाथियों ने सबसे पहले भगवान जगन्नाथ की झलक देखी और जुलूस की अगुवाई करते हुए आगे बढ़े.
यह रथ यात्र 400 साल से भी पुराने जगन्नाथ मंदिर से निकली जो जमालपुर इलाके में है. बड़ी संख्या में पर्यटक इस रथयात्रा को देखने के लिए आते हैं. इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल होते हैं.गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रथ यात्र के लिए ‘पहिन्द विधि’ संपन्न की जिसका मतलब भगवान जगन्नाथ के रथ के लिए रास्ते की प्रतीकात्मक सफाई करना होता है. इसके बाद भगवान जगन्नाथ, भगवान बलदेव और उनकी बहन सुभद्रा का जुलूस शुरु हुआ.
मोदी ने बताया ‘अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा दुनिया भर में प्रख्यात है. पिछले 136 साल से यह परंपरा जारी है और एक बार फिर भगवान जगन्नाथ श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए अपने :नगर चर्या: शहर के दौरे पर हैं.
’गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें भगवान जगन्नाथ के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद मांगने का मौका बार बार मिलता है.
मोदी ने कहा ‘हम सभी को भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करनी चाहिए कि यह देश शांति, सद्भावना, एकता, खुशहाली और समृद्धि की ओर आगे बढ़े.’उन्होंने कहा ‘यह मानसून शुरु हो चुका है और भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से मैं प्रार्थना करता हूं कि पूरे देश में अच्छी बारिश हो ताकि हमारे किसान, हमारे गांवों और गरीबों को फायदा हो.
’मंदिर के एक न्यासी ने बताया कि मोदी ने 21 वीं बार परंपरागत ‘पहिंदी विधि’ संपन्न की जो कि एक रिकॉर्ड है.रथ यात्रा शहर के अलग अलग हिस्सों से होती हुई गुजरेगी और करीब 14 किमी का सफर तय करेगी. इस दौरान रथ या पुराने शहर के संवेदनशील इलाकों कालूपुर, प्रेम दरवाजा, दिल्ली चकला, दरियापुर और शाहपुर से भी गुजरेगी.शहर में अलग अलग करीब 127 जगहों से रथ यात्र गुजरेगी और सभी जगह सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
रथ यात्रासारसपुर में रुकेगी जहां स्थानीय निवासी भगवान जगन्नाथ के श्रद्धालुओं के काफिले के लिए ‘महाभोज’ देंगे. यह रथ महोत्सव आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है और इसे आषाढ़ी बीज भी कहा जाता है. गुजरात में यह लोकोत्सव के तौर पर बनाया जाता है.मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि अहमदाबाद के अलावा ऐसी यात्रएं गुजरात में करीब 140 जगहों पर निकाली जाएंगी.
रथ यात्राशांतिपूर्वक निकल सके इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. इसके तहत पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं. इसके अलावा पायलट रहित विमानों से निगरानी की जा रही है और अलग अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि अवांछित घटनाओं को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों की 14 कंपनियां अहमदाबाद में तैनात की जाएंगी। इनमे से 6 कंपनियां बीएसएफ की, 4 आरएएफ की, 2 केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल की और 2 कंपनियों केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की होंगी.बम खोजी एवं निष्क्रिय दस्ते :बीडीडीएस: के आठ दल भी सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा हैं.
डीआईजीपी रैंक के दो अधिकारी, 19 पुलिस अधीक्षक, 46 उपाधीक्षक, 160 निरीक्षक, 100 उप निरीक्षक, 1,4000 हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल, महिला पुलिस कॉन्स्टेबलों की 2 प्लाटून तथा 25 एसआरपी कपंनियां तैनाती के लिए शहर के बाहर से बुलवाई गई हैं.