जो कुछ हो रहा है वह धर्मांतरण नहीं, ‘घर वापसी’ है: वैद्य

नागपुर: दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा कराए जा रहे कथित धर्मांतरणों के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक एम जी वैद्य ने आज कहा कि जो भी हो रहा है वह धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि उनकी ‘‘घर वापसी’’ है जिन्होंने हिंदू धर्म त्याग दिया था. कुछ संगठनों द्वारा आयोजित धर्मांतरण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2014 8:19 PM

नागपुर: दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा कराए जा रहे कथित धर्मांतरणों के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक एम जी वैद्य ने आज कहा कि जो भी हो रहा है वह धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि उनकी ‘‘घर वापसी’’ है जिन्होंने हिंदू धर्म त्याग दिया था. कुछ संगठनों द्वारा आयोजित धर्मांतरण कार्यक्रमों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया, ‘‘यह धर्मांतरण नहीं है. यह ‘घर वापसी’ है.’’

गौरतलब है कि धर्मांतरण के मुद्दे पर संसद में खूब हंगामा हो रहा है और इसकी वजह से सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड रही है. वैद्य ने कहा कि हिंदूवादी संगठनों का ‘घर वापसी’ कार्यक्रम नया नहीं है. इसकी शुरुआत 1995-96 में हुई थी लेकिन इस बार इस मुद्दे पर कुछ ज्यादा ही हो-हल्ला मचाया जा रहा है.

संसद में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने और इसकी वजह से सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने पर महाराष्ट्र विधान-परिषद के पूर्व सदस्य वैद्य ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के पास सदन में शायद ज्यादा काम नहीं है, इसलिए वे हंगामा कर रहे हैं.

वैद्य ने बताया कि 1964-65 से बडे पैमाने पर हिंदुओं को ईसाई बनाया जा रहा है पर इस मुद्दे को कभी किसी ने नहीं उठाया. उन्होंने दावा कि ऐसे सबसे ज्यादा धर्मांतरण ओडिशा में हुए.

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