सारधा घोटाला मुद्दे पर वामपंथी नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की

नयी दिल्ली : सारधा चिटफंड घोटाले में जांच को दबाने की आशंका जताते हुए वामपंथी नेताओं ने आज नरेन्द्र मोदी सरकार से कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा ‘समन्वित’ जांच करायी जाए और इसमें शामिल हर किसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की चाहे वह कितना भी बडा व्यक्ति क्यों न हो. वामपंथी दलों के पांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2014 3:18 AM

नयी दिल्ली : सारधा चिटफंड घोटाले में जांच को दबाने की आशंका जताते हुए वामपंथी नेताओं ने आज नरेन्द्र मोदी सरकार से कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा ‘समन्वित’ जांच करायी जाए और इसमें शामिल हर किसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की चाहे वह कितना भी बडा व्यक्ति क्यों न हो.

वामपंथी दलों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज संसद में प्रधानमंत्री से मुलाकात की और कहा कि जिन लोगों से पूछताछ हुई है उन्होंने कई नामों का खुलासा किया है. उन्होंने मांग की कि ह्यह्यनामित व्यक्ति चाहे जिस पद पर होंह्णह्ण गहन जांच होनी चाहिए.

मोदी के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए नेताओं ने कहा कि बडे घोटाले ने कई राज्यों में हजारों लोगों को प्रभावित किया है और पश्चिम बंगाल सरकार एवं तृणमूल कांग्रेस में उच्चतम स्तर के लोगों के भी शामिल होने की वास्तविक आशंकाएं हैं.

ज्ञापन में उन्होंने कहा, ‘कुछ सांसदों और राज्य कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री की गिरफ्तारी से वास्तविक आशंकाएं उठती हैं कि राज्य सरकार और राज्य की सत्तारुढ पार्टी के उच्चतम स्तर के लोग इसमें शामिल है.’ माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, हमें आशंका है कि इस बडी धोखाधडी के लाभार्थियों की तरफ से भरपूर प्रयास हो रहा है कि जांच को गलत दिशा में मोडा जाए या दबाया जाए.

उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए लोगों ने कई लोगों के नामों का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि कई नाम सामने आए हैं. येचुरी ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री से कहा कि कोई चाहे किसी भी पद पर हो लेकिन उपयुक्त जांच की जानी चाहिए और उपयुक्त कार्रवाई की जानी चाहिए.’

प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य नेताओं में माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य बिमान बोस, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा, आरएसपी नेता अबनी राय और फारवर्ड ब्लॉक के विधायक अली इमरान रम्ज थे.

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