केदारनाथ में भूकंप, नैनीताल में भूस्खलन

नैनीताल:उत्तराखण्डके नैनीताल में हुए एक भूस्खलन में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई है.पिछले दो दिनों में ये दूसरी ऐसी घटना है. इससे पहले बुधवार को चमोली के पोखरी गांव में एक परिवार के सात लोग अपने ही मकान में जिंदा दफन हो गये थे.गुरूवार सुबह-सुबह नैनीताल से ये खबर आई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2013 5:26 AM

नैनीताल:उत्तराखण्डके नैनीताल में हुए एक भूस्खलन में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई है.पिछले दो दिनों में ये दूसरी ऐसी घटना है. इससे पहले बुधवार को चमोली के पोखरी गांव में एक परिवार के सात लोग अपने ही मकान में जिंदा दफन हो गये थे.गुरूवार सुबह-सुबह नैनीताल से ये खबर आई कि वहां की धारी तहसील के ल्वाड़डोबा गांव में भूस्खलन से एक दो मंजिला मकान ध्वस्त हो गया जिसमें छह लोगों की मौत हो गई. सभी एक ही परिवार से तालुक्क़ रखते थे.इस हादसे में परिवार का सिर्फ एक सदस्य जीवित बच पाया है जो संयोग से उस वक्त घर में नहीं था.

भूकंप

गुरूवार को केदारनाथ में भूंकप के झटके महसूस किए गए. हालांकि किसी भी तरह के जानमाल के नुक़सान की ख़बर फ़िलहाल नहीं मिली है.देर शाम आए भूकंप के झटकों से भयभीत लोग घबराकर घर छोड़कर भागने लगे और हर तरफ़ अफ़रा तफ़री मच गई.भूकंप की तीव्रता 3.2 थी और इसका केंद्र गौरीकुंड और चौमासी के नजदीक था. हांलाकि अभी किसी तरह की नुकसान की सूचना नहीं है लेकिन आशंका है कि इससे भूस्खलन का खतरा और बढ़ सकता है.रूद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी प्रभावित इलाकों से सूचना इकठ्ठी की जा रही है.इस बीच उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गुरूवार को कहा कि आपदा में लापता हुए लोगों का अगर 15 जुलाई तक कुछ पता नहीं चलता है तो उनके परिजनों को मुआवजा देना तो शुरू कर दिया जाएगा लेकिन साथ ही सरकार का सर्च ऑपरेशन यानी लापता लोगों की तलाशी का अभियान भी जारी रहेगा.

मौसम

सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार विभिन्न स्त्रोतों से मिली सूचनाओं के अनुसार 5000 से अधिक लोग लापता हुए हैं हांलाकि उनका सत्यापन अभी तक नहीं हो पाया है .केदारनाथ में शवों को निकालने और वहां की सफाई के लिये दूसरी टीम नहीं भेजी जा सकी है.गुप्तकाशी से गढ़वाल के डीआईजी अमित सिन्हा ने बताया कि यहां लगातार बारिश और धुंध बनी हुई है जिससे हेलीकॉप्टर नहीं जा पा रहे हैं.इस बीच सेना ने केदारनाथ के लिये नया पैदल रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया है हांलाकि वहां भी लगातार मलबा आने से कठिनाई आ रही है.केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड में आपदा के बाद पुनर्निर्माण व पुनर्वास की निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है. इसमें केंद्रीय मंत्रियों के अलावा योजना आयोग के उपाध्यक्ष और केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी शामिल हैं.ध्यान देने की बात है कि आपदा में मदद के नाम पर उत्तराखण्ड सरकार को कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की घोषणाओं के अनुसार करीब 7,000 करोड़ मिलने की उम्मीद है.माना जा रहा है कि केंद्रीय समिति का गठन इस राशि के सदुपयोग को सुनिश्चित करने के लिये किया गया है.

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