J&K में बनेगी भगवा सरकार?
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में किस पार्टी की सरकार बनेगी इस बात का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है. सरकार बनाने को लेकर किसी भी पार्टी की ओर से कुछ स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाने के बाद राज्य में जानकार कई तरह के कयास लगा रहे हैं. जानकारों की माने तो भाजपा और पीडीपी यदि […]
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में किस पार्टी की सरकार बनेगी इस बात का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है. सरकार बनाने को लेकर किसी भी पार्टी की ओर से कुछ स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाने के बाद राज्य में जानकार कई तरह के कयास लगा रहे हैं. जानकारों की माने तो भाजपा और पीडीपी यदि मिल जाती है तो उन्हें किसी अन्य पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी. कुछ इसी तरह के संकेत चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी दिये हैं. यदि ऐसा होता है तो पहली बार जम्मू कश्मीर में भगवा सरकार बनेगी.
वहीं सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी पीडीपी राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए विकल्प खुले रख रही है. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम कुछ भी करके सरकार बनाने के पक्ष में नहीं हैं. जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और सुशासन के लिए सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशने में समय लगेगा. यह कहना कठिन होगा कि यह कब तय होगा. उन्होंने अपनी रणनीति बताने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी केवल संख्या बल हासिल करने के लिए किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
उन्होंने कहा हम ऐसी सरकार बनाने के लिए संभावनाएं तलाशेंगे जो विश्वसनीय हो. हम संभावनाएं तलाश रहे हैं और जो कश्मीर की जनता के हित में होगा, वही करेंगे. हम सुशासन के एजेंडा पर आधारित सरकार बनाने के लिए प्रयासरत हैं.
वहीं अपनी जमीन गंवा चुकी नेशनल कॉफ्रेंस ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हारने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्बदुल्ला ने सहयोगी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि वह ऐसी पार्टी है जो सत्ता में रहने के लिए किसी के साथ भी गंठबंधन करने के लिए राजी हो सकती है. उल्लेखनीय है कांग्रेस ने चुनाव परिणाम के रूझान देखने के बाद ही कांग्रेस ने पीडीपी को समर्थन देने की बात कही थी.
जम्मू कश्मीर में पीडीपी को सबसे ज्यादा 28 सीटें मिली हैं और ऐसा लगता है कि पार्टी ने सरकार बनाने को लेकर सारे विकल्प खुले रखे हैं, ठीक उसी तरह भाजपा को 25 सीटें मिली हैं और जम्मू क्षेत्र में मिली इस अभूतपूर्व सफलता के साथ पार्टी ने राज्य में अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन किया है. जम्मू कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा के लिए भाजपा ने मिशन 44प्लस को लेकर ऐडी चोटी का जोर लगा दिया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहां जमकर प्रचार किया, लेकिन घाटी और लद्दाख के मतदाताओं को लुभाने में नाकाम रहे, जहां की 50 सीटों पर पार्टी के हाथ कुछ नहीं लगा.
हालांकि पार्टी ने 2008 की 11 सीटों के मुकाबले 25 सीटें जीतीं और उसके लिए सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने की संभावनाएं खुली हैं. पीडीपी की सीटों की संख्या 21 से बढकर 28 हो गई. सत्तारुढ नेशनल कांफ्रेंस को चुनाव परिणामों से तगडा झटका लगा. पार्टी को पिछले चुनाव में 28 सीटें मिली थीं, जो घटकर 15 रह गईं. मुख्यमंत्री और एनसी के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला सोनावार सीट से चुनाव हार गए और बीरवाह सीट जैसे तैसे बचाने में कामयाब रहे उन्हें 1000 से कुछ अधिक वोट से जीत मिली.