असम में उग्रवादी हिंसे में मारे गए लोगों की संख्या 62 हुई, आदिवासियों का फूटा गुस्सा
गुवाहाटी : असम के सोनितपुर और कोकराझार जिले में एनडीएफबी (एस) द्वारा कल किए गए चार हमले में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 62 हो गयी. हमले से गुस्साए आदिवासियों ने आज बोडो कार्यकर्ताओं के घरों में आग लगा दी और विरोध मार्च निकाला. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने प्रेस कान्फ्रेंस में असम […]
गुवाहाटी : असम के सोनितपुर और कोकराझार जिले में एनडीएफबी (एस) द्वारा कल किए गए चार हमले में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 62 हो गयी. हमले से गुस्साए आदिवासियों ने आज बोडो कार्यकर्ताओं के घरों में आग लगा दी और विरोध मार्च निकाला. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने प्रेस कान्फ्रेंस में असम हिंसा में हुए आदिवासियों पर हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा असम हिंसा आतंक की कार्रवाई है और हम इससे उसी हिसाब से निपटेंगे. गृहमंत्री बुधवार को शाम 4 बजे घटनास्थल का जायजालेने असम पहुंचने वाले हैं.
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बताया कि कल शाम हुए इस ‘क्रूर’ हमलों के अधिकतर पीडि़त महिलाएं और बच्चे हैं. स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्र ने कहा कि वह असम सरकार के अनुरोध पर अर्धसैन्य बल के 5000 जवान असम भेज रहा है.
कानून और व्यवस्था के आइजीपी एस एन सिंह ने बताया कि मृतकों की संख्या बढकर 62 हो गई है. नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (सोंगबजीत) के भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा कल शाम को दो जिलों के चार सुदूर आदिवासी गांवों पर किए गए हमलों में सोनितपुर में 37 और कोकराझार में 25 लोगों की मौत हो गयी. मारे जाने वाले लोग गांवों के ही निवासी हैं.
उन्होंने कहा कि सोनितपुर जिले में पुलिस चौकी के तहत मैईतालु बस्ती में 31 लोग मारे गए और धेकियाजुली पुलिस चौकी के तहत आने वाली जंगल बस्ती में छह लोग मारे गए. 20 लोग कोकराझार पुलिस चौकी के तहत आने वाले शांतिपुर उल्टापानी में और कोकराझार जिले की सेरफांगुरी पुलिस चौकी के तहत आने वाली पाखरीगुरी में पांच लोग मारे गए. इन सुदूर गांवों में खोज अभियान जारी हैं. इन गांवों में सड़क परिवहन के पर्याप्त साधन नहीं हैं.
इसी बीच, आदिवासी समुदाय के गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बोडो समुदाय के लोगों के पांच मकानों को सोनितपुर जिले के बिश्वनाथ चिरैली पुलिस चौकी के तहत आने वाले क्षेत्र फूलोगुरी में आग लगा दी. चाय बागान के हजारों कर्मचारियों ने हाथों में तीर-कमान लेकर प्रदर्शन रैलियां निकालीं. प्रदर्शनकारियों ने सोनितपुर के धेकियाजुली के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 को सात किलोमीटर तक अवरुद्ध कर दिया.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने स्थिति का जायजा लेने लिए आज शाम को यहां पहुंचना है. दिल्ली में कैबिनेट ने असम में ‘आदिवासियों’ पर हुए ‘कायराना’ हमलों के पीडितों को श्रद्धांजलि दी. सिंह ने दिल्ली में कहा कि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उन्हें हालात की जानकारी दी है और केंद्र हर जरूरी कार्रवाई करेगा.
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राज्य के मंत्रियों नीलमणि सेन डेका और बसंत दास को कोकराझार और राकीबुल हुसैन, तंका बहादुर राय और पृथ्वी माझी को सोनितपुर जिले का दौरा करने के लिए कहा है. गोगोई ने कहा ‘एनडीएफबी (एस) समूह ने बहुत क्रूर और घृणित अपराध किया है. हमें इससे दृढता के साथ निपटना होगा’. ‘हमें इसे एक व्यापक तरीके से निपटना होगा ताकि दोषियों का दोषनिर्धारण किया जा सके.’
उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बोडो समुदाय के निवास वाले इलाकों के साथ-साथ ‘संवेदनशील’ इलाकों में लोगों को सुरक्षा उपलब्ध करवाएं. गोगोई ने कहा कि अब उग्रवादियों को ‘मारकर भागने’ नहीं दिया जाएगा और प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री ने उन्हें हर तरह की मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा ‘न तो असम की सरकार और न ही भारत सरकार उग्रवादी समूहों के समक्ष झुकेगी. इसीलिए हम भारत सरकार से और अधिक अर्धसैन्य बलों की मांग कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा ‘कल प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मुझे हर मदद का आश्वासन दिया’. हमलों की निंदा करते हुए रिजीजू ने कहा ‘यह हमला ऐसी स्थिति में किया गया है, जबकि इसकी उम्मीद भी नहीं थी. यह हमला निर्दोष लोगों पर किया गया हमला है और जिस स्थान पर हमला किया गया, वह जगह बेहद सुदूर और ग्रामीण इलाके में है.’
उन्होंने कहा ‘इस तरह की हिंसा का होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हम पहले ही यह संदेश भेज चुके हैं कि हिंसा और विकास साथ-साथ नहीं चल सकते’. रिजीजू ने कहा ‘अगर हम पूर्वोत्तर को विकसित करना चाहते हैं तो शांति कायम होना जरूरी है. शांति और विकास को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता’.