भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए जेटली जम्मू कश्मीर के व नड्डा झारखंड के पर्यवेक्षक नियुक्त
नयी दिल्ली : झारखंड और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणामों के मद्देनजर आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. इसमें दोनों राज्यों के ताजा राजनीतिक हालत व चुनाव परिणामों पर चर्चा की गयी. बैठक में झारखंड के भावी मुख्यमंत्री, सरकार के स्वरूप जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की […]
नयी दिल्ली : झारखंड और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणामों के मद्देनजर आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. इसमें दोनों राज्यों के ताजा राजनीतिक हालत व चुनाव परिणामों पर चर्चा की गयी. बैठक में झारखंड के भावी मुख्यमंत्री, सरकार के स्वरूप जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गयी. जबकि जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए पीडीपी या नेशनल कान्फ्रेंस में से किसी एक को साझीदार बनाने जैसे मुद्दे पर चर्चा हुई. साथ ही बैठक में जम्मू कश्मीर में अपना मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति पर भी चर्चा की गयी.
बैठक के बाद भाजपा महासचिव जेपी नड्डा ने पत्रकारों से कहा कि संसदीय बोर्ड ने जम्मू कश्मीर के लिए वरिष्ठ पार्टी नेता व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली एवं अरुण सिंह को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, जबकि झारखंड के लिए मुङो स्वयं (जेपी नड्डा) व विनय सहस्त्रबुद्धे को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. नड्डा ने कहा कि ये नेता दोनों राज्यों में विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे और पार्टी नेता चुनने के मुद्दे पर स्थानीय नेताओं से चर्चा करेंगे. हालांकि नड्डा ने पत्रकारों के इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि झारखंड में मुख्यमंत्री आदिवासी होगा या गैर आदिवासी.
नड्डा ने दावा किया कि छह निर्दलियों विधायकों के समर्थन के साथ उनके पास सबसे ज्यादा विधायक है, इस नाते मुख्यमंत्री पद पर भी उनकी पार्टी की दावेदारी बनती है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सर्वाधिक वोट प्रतिशत भी हमारी पार्टी ने हासिल किया है.
उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने कल ही चुनाव परिणाम आने के बाद कहा था कि जम्मू कश्मीर में भाजपा ने तमाम विकल्प खोल रखे हैं. पार्टी किसी राजनीतिक दल के साथ सरकार बना सकती है या किसी सरकार में शामिल भी हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा की रणनीति है कि पीडीपी या नेशनल कान्फ्रेंस जो भी उसके साथ सरकार बनाने तैयार होती है, उसे केंद्रीय कैबिनेट में एक पद दिया जाये और उसके बदले राज्य का मुख्यमंत्री का पद उसे मिल जाये.