भाजपा नेताओं के प्रतिद्वंद्वियों पर तीखे बोल : कांग्रेस को ढूंढते रह जायेंगे…2016 में होगा भाग ममता भाग

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की जोरदार जीत के बाद भाजपा नेताओं का प्रतिद्वंद्वी पार्टीकेनेताओं पर छिंटाकशी का सिलसिला तेज हो गया है. इसी क्रम में वरिष्‍ठ भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमण सिंह ने प्रधानमंत्री के कांग्रेस मुक्‍त देश का हवाला देकर का देश के नक्‍शे से इसका नामोनिशान मिटानेकी बात की. वहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2014 5:40 PM

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की जोरदार जीत के बाद भाजपा नेताओं का प्रतिद्वंद्वी पार्टीकेनेताओं पर छिंटाकशी का सिलसिला तेज हो गया है. इसी क्रम में वरिष्‍ठ भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमण सिंह ने प्रधानमंत्री के कांग्रेस मुक्‍त देश का हवाला देकर का देश के नक्‍शे से इसका नामोनिशान मिटानेकी बात की. वहीं भाजपा के अन्‍य नेता और राष्‍ट्रीय सचि‍व सिद्धार्थनाथ सिंह ने सीधे तृणमूल कांग्रेस अध्‍यक्ष ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2016 में ‘भाग ममता भाग’ अभियान होगा.

रमण सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री क स्‍वच्‍छ भारत अभियान और कांग्रेस मुक्‍त देश का सपना पूरा होता दिख रहा है. उन्‍होंने अन्‍य राज्‍यों महाराष्‍ट्र, मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, पंजाब और झारखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से इन राज्‍यों से कांग्रेस का सफाया हुआ है, आने वाले सालों में हालात ऐसे हो जाएंगे कि भारत के नक्‍शे से कांग्रेस पूरी तरह से गायब हो जाएगा.
मोदी का महिमामंडन करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जोपूर्ण बहुमत प्राप्‍त हुआ है यह सिर्फ मोदी और भाजपा सरकार की लोकप्रियता के कारण हुआ है. रमण सिंह छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाव चुनाव में लोगों से भाजपा को बहुमत देने की अपील कर रहे थे.
वहीं दूसरी ओर भाजपा के राष्‍ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अपने तीखे बोल ममता बनर्जी के खिलाफ कहे. सिद्धार्थ ने एक सभा को संबोधित करते हुए सारधा घोटाले का हवाला देते हुए क‍हा कि ममता की पार्टी के नेताओं की करतूतों के वजह से उनलोगों को जेल जाना पड़ा है. पार्टी के सांसद कुणालघोष ने स्थिति और बिगाड़ दी है. 2015 में भाग मुकुल भाग होगा और 2016 में ‘भाग ममता भाग’ का अभियान चलाया जाएगा. उन्‍होंने कहा अब पश्चिम बंगाल की बारी है. इसलिए ममता बनर्जी को सत्‍ता खोने के भय में रहने के बजाय पहले ही मुख्‍यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए.

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