जेटली ने मिले अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर के भावी सरकार पर हुई चर्चा

नयी दिल्ली : नेशनल कान्फ्रेंस के नेता व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज सुबह राजधानी में वरिष्ठ भाजपा नेता व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली व महासचिव राम माधव से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं की यह मुलाकात जम्मू कश्मीर में भावी सरकार गठन पर केंद्रित थी. उल्लेखनीय है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2014 12:05 PM
नयी दिल्ली : नेशनल कान्फ्रेंस के नेता व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज सुबह राजधानी में वरिष्ठ भाजपा नेता व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली व महासचिव राम माधव से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं की यह मुलाकात जम्मू कश्मीर में भावी सरकार गठन पर केंद्रित थी. उल्लेखनीय है कि भाजपा संसदीय बोर्ड ने कल ही जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए अरुण जेटली को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. साथ ही पार्टी महासचिव जेपी नड्डा ने एलान किया था कि राज्य में छह निर्दलियों विधायकों के साथ उनकी पार्टी के पास सर्वाधिक विधायक है, इस नाते मुख्यमंत्री पद पर उन्हीं की पार्टी का दावा बनता है.
हालांकि भाजपा ने पीडीपी के साथ मिल कर भी सरकार गठन का विकल्प खुला रखा है. लेकिन पीडीपी के पास खुद के विधायकों की संख्या भाजपा से तीन अधिक है. पीडीपी के पास 28 व भाजपा के पास 25 विधायक है. ऐसे में मुख्यमंत्री पद की लालसा पाले भाजपा को पीडीपी के साथ मोल-भाव करने में दिक्कतें हो सकती है. बड़ी पार्टी होने के कारण पीडीपी सीएम पद पर खुद की दावेदारी जता सकती है या फिर तीन-तीन साल दोनों दलों के मुख्यमंत्री पद का फामरूला लागू किया जा सकता है.
जबकि नेशनल कान्फ्रेंस के पास मात्र 15 विधायक हैं. ऐसे में उसके साथ सरकार बनाने पर स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री पद पर भाजपा की दावेदारी बनेगी. ऐसे में नेशनल कान्फ्रेंस को सरकार में हिस्सेदार बनाया जा सकता है. साथ ही केंद्र में भी उमर अब्दुल्ला के पिता फारुक अब्दुल्ला को केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है. राज्य की राजनीति के दोनों प्रमुख दल पीडीपी व नेशनल कान्फ्रेंस केंद्र के सत्ताधारी दल के साथ बेहतर रिश्ते चाहती है, इसलिए दोनों भाजपा के साथ मिल कर सरकार बनाने को इच्छुक नजर आ रही है. 87 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा, नेशनल कान्फ्रेंस व छह निर्दलियों विधायकों के साथ 46 संख्या होती है. जबकि बहुमत के लिए 44 विधायकों की जरूरत है.इधर, पिपुल्स कान्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में सरकार गठन पर उनकी भाजपा से बातचीत हो रही है. लोन के पास दो विधायक हैं.
जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के तीनफार्मूले

फार्मूला1 : पहलेफार्मूलेके तहत भाजपा अपने 25, नेशनल कान्फ्रेंस के 15 व सात निर्दलियों या छोटे दलों के विधायकों को लेकर सरकार बना सकती है. इस फामरूले में मुख्यमंत्री का पद भाजपा के पास रहेगा. जबकि नेशनल कान्फ्रेंस के पिता-पुत्र जोड़ी फारुक अब्दुल्ला या उमर अब्दुल्ला को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. उमर अब्दुल्ला को राज्यसभा में भी भेजा जा सकता है.
फार्मूला2 : दूसरे फार्मूले के तहत भाजपा, पीडीपी सरकार बना सकती है. ऐसे में भाजपा के 25 व नेशनल कान्फ्रेंस के 28 विधायकों को मिला कर 53 विधायकों के समर्थन वाली राज्य में मजबूत सरकार बनेगी. इसके तहत पीडीपी के मुफ्ती सईद को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. जबकि महबूबा मुफ्ती पहले तीन साल के लिए मुख्यमंत्री बनायी जा सकती हैं और फिर अगले तीन साल के लिए मुख्यमंत्री का पद भाजपा की झोली में जा सकता है.
फार्मूला3 : इस फार्मूले के तहत पीडीपी व नेशनल कान्फ्रेंस व छोटे दलों या निर्दलियों के समर्थन वाली सरकार बनायी जा सकती है. ऐसे में सत्ता पक्ष के पास 50 विधायक होंगे. इस फामरूले में मुख्यमंत्री का पद पीडीपी अपने पास ही रखेगी, जबकि नेशनल कान्फ्रेंस को डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है. चुनाव परिणाम के आने के बाद उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा भी था कि जब लालू प्रसाद व नीतीश कुमार एक हो सकते हैं तो वे और पीडीपी क्यों नहीं. हालांकि उन्होंने भाजपा की तरह सारे विकल्प खुले रखने की बात कही थी.

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