गृहमंत्री राजनाथ से मिलने के बाद जनरल सुहाग ने बोडो उग्रवादियों के खिलाफ शुरु किया ऑपरेशन ऑल आउट

नयी दिल्ली:असम में बोडो उग्रवादियों से निपटने के लिए अब सरकार ने अपना मोर्चा खोल दिया है. 70 से अधिक आदिवासियों के सामूहिक नरसंहार के बाद सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग और गृह मंत्री राजनाथ के बीच मुलाकात हुई. इसके बाद से आज उग्रवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरु कर दी गयी. सेना ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2014 2:31 PM

नयी दिल्ली:असम में बोडो उग्रवादियों से निपटने के लिए अब सरकार ने अपना मोर्चा खोल दिया है. 70 से अधिक आदिवासियों के सामूहिक नरसंहार के बाद सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग और गृह मंत्री राजनाथ के बीच मुलाकात हुई. इसके बाद से आज उग्रवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरु कर दी गयी.

सेना ने असम राइफल्स, अर्धसैनिक बल और असम पुलिस के साथ मिलकर बोडो उग्रवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन शुरु किया जिसका नाम ऑपरेशन ‘ऑल आउट’ रखा गया है. सेना के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस ऑपरेशन की शुरुआत फुलबरी से की गई है. सुरक्षा बलों के निशाने पर 74 बोडो उग्रवादी (नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड) हैं जिन्होंने नरसंहार को अंजाम दिया है.

ऑपरेशन के लिए अर्द्धसैनिक बल के 5000 जवान और असम राइफल्स की तीन यूनिट बुलाई गई हैं. इस दौरान असम पुलिस आम नागरिकों की सुरक्षा का काम ही करेगी.

गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने असम में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड द्वारा आदिवासियों के नरसंहार और इसके बाद हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की घोषणा की है.

असम में आदिवासियों पर भीषण हमले करने वाले एनडीएफबी उग्रवादियों के खिलाफ सेना अपने अभियान तेज करने जा रही है. इन हमलों में 70 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने यहां गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘निश्चित रुप से हम असम में अपने अभियान तेज करने जा रहे हैं.’

असम में बोडो उग्रवादी गुट की हिंसा की वजह से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां के दो दिवसीय दौरे के बाद कल शाम राष्ट्रीय राजधानी लौटे सिंह ने राज्य के हालात के बारे में सेना प्रमुख के साथ चर्चा की. जनरल सुहाग ने बताया ‘यह मुलाकात असम में सुरक्षा हालात की समीक्षा करने के लिए थी.’

उन्होंने बताया कि सेना के 66 कॉलम उग्रवादी हिंसा को रोकने के लिए असम में तैनात किये गए हैं (प्रत्येक कॉलम में 70 सैन्य कर्मी होते हैं). हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित सोनितपुर जिले में स्थित 4 कॉर्प्स के जीओसी, असम में उग्रवादी हिंसा के विरुद्ध संचालन करने वाली एकीकृत कमान की अगुवाई कर रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने सेना प्रमुख से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति रहे और कोई अवांछित घटना न होने पाए. गृह मंत्री सिंह ने जनरल सुहाग से कहा कि असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के उन इलाकों में सेना की मौजूदगी बढायी जानी चाहिए जहां एनडीएफबी के उग्रवादी सक्रिय हैं.

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने एनडीएफबी के खिलाफ भूटान और म्यामांर की सेनाओं के साथ समन्वित अभियानों के मुद्दे पर चर्चा की. एनडीएफबी के शिविर दोनों पडोसी देशों भूटान और म्यामांर में हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भूटान सरकार से पहले ही बातचीत कर चुकी हैं.

भूटान सरकार ने उन्हें आतंकी गुट के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था. म्यामांर ने भी अपने भूभागों से आतंकियों को खदेडने का आश्वासन दिया था. सूत्रों के मुताबिक, जनरल सुहाग ने सिंह को बताया कि स्थानीय सैन्य कमांडरों को आम जनता के बीच विश्वास बहाल करने और शांति सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है.

गृह मंत्री ने कल उग्रवादी गुट के साथ किसी तरह की बातचीत करने से इंकार करते हुए बोडो उग्रवादी गुट के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई करने का वादा किया था. इसी गुट ने आदिवासियों पर हमले किये थे. इन हमलों में और आदिवासियों की जवाबी हिंसा में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है.

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