श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर आज स्थिति साफ नहीं हुई जहां भाजपा और पीडीपी अनेक पक्षों के साथ किसी व्यावहारिक समाधान पर पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. पीडीपी ने भाजपा के सामने पांच शर्त रखी है. जिसमें सबसे बड़ी शर्त यह है कि पांच साल में मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुख्यमंत्री बने रहने देना होगा.
इसलिए अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पैकेज की मांग की गयी है. शांत इलाकों में AFSPA हटाने की मांग की गयी है. इन शर्तों के साथ भाजपा पीडीपी के साथ गंठबंधन करेगी या नहीं ये तो वक्त के साथ ही साफ होगा.
आज इस बात को लेकर अटकलें चलती रहीं कि 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 सदस्यों वाली पीडीपी या तो 25 विधायकों वाली भाजपा के साथ गठजोड कर सकती है या 15 सदस्यीय नेशनल कांफ्रेंस के बाहरी समर्थन के साथ कांग्रेस से हाथ मिला सकती है जिसके 12 विधायक हैं. पीडीपी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी भाजपा के साथ बारी बारी से मुख्यमंत्री बनाने के प्रस्ताव पर सहमत नहीं है
पीडीपी के एक नेता ने कहा कि पार्टी कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ 44 के जादुई आंकडे तक पहुंच सकती है.जम्मू में कांग्रेस प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा कि पार्टी भाजपा को राज्य की सत्ता में आने से रोकने के लिए पीडीपी तथा छह अन्य निर्दलीयों के साथ संपर्क में है. भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर में स्थिर सरकार देने के लिए सभी महत्वपूर्ण पक्षों के साथ परामर्श कर रही है.
भाजपा नेता ने पीडीपी के मुजफ्फर बेग समेत घाटी में सक्रिय अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सिलसिलेवार बैठक की और कहा कि प्रधानमंत्री का राज्य के विकास को लेकर व्यापक दृष्टिकोण है. अब पीडीपी के शर्तों के बाद नेशनल कॉन्फ्रेस की ओर सबकी नजरें है कि वह सरकार बनाने के लिए किस तरह की शर्तें रखती है. सूत्रों के अनुसार जल्द ही भाजपा यह साफ करेगी कि वह किसके साथ जाकर सरकार बनायेगी. हालांकि अबतक जम्मू कश्मीर में सरकार को लेकर सिर्फ अटकलें लगायी जा रही है