राहुल गांधी को भेजा गया आखिरी तार
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गए आखिरी टेलीग्राम के साथ ही कल 163 साल पुरानी टेलीग्राम सेवा भारतीय इतिहास के पन्नों में समा गयी. कल रात 11:45 बजे भारत में टेलीग्राम सेवा बंद हो गयी और इसके जरिये आखिरी टेलीग्राम जनपथ स्थित केंद्रीय तार घर (सीटीओ) से अश्विनी मिश्रा नामक व्यक्ति […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गए आखिरी टेलीग्राम के साथ ही कल 163 साल पुरानी टेलीग्राम सेवा भारतीय इतिहास के पन्नों में समा गयी.
कल रात 11:45 बजे भारत में टेलीग्राम सेवा बंद हो गयी और इसके जरिये आखिरी टेलीग्राम जनपथ स्थित केंद्रीय तार घर (सीटीओ) से अश्विनी मिश्रा नामक व्यक्ति ने भेजा, जो राहुल गांधी और डीडी न्यूज के महानिदेशक एस एम खान को भेजा गया था.
भारतीयों की कई पीढि़यों को अच्छी और बुरी खबरें देने वाली टेलीग्राम सेवा की विदाई के दिन इससे 68,837 रपये का राजस्व प्राप्त हुआ.
एक वरिष्ठ टेलीग्राफ अधिकारी ने बताया कि कल कुल 2,197 टेलीग्राम बुक किये गये, जिनमें से कंप्यूटर के माध्यम से 1,329 और फोन के जरिये 91 टेलीग्राम बुक कराये गये.
एक अधिकारी ने कहा कि कई लोगों ने कल सीटीओ जाकर अपने टेलीग्राम बुक कराये हैं.पिछले कुछ वर्षों से लगभग भुला दी गयी टेलीग्राम सेवा के आखिरी दिन अपने प्रियजनों को संदेश भेजने के लिए कल राजधानी के चार टेलीग्राफ केंद्रों में बड़ी तादाद में लोग उमड़े, जिनमें कई युवा भी थे, जो पहली बार इस सेवा का उपयोग कर रहे थे.
भारत में टेलीग्राम सेवा की शुरुआत वर्ष 1850 में कोलकाता और डायमंड हार्बर के बीच प्रायोगिक तौर पर की गयी थी. अगले साल ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसका खूब उपयोग किया. वर्ष 1854 में यह सेवा जनता के लिए उपलब्ध करा दीथी.
उन दिनों यह संचार का यह इतना महत्वपूर्ण माध्यम था कि देश की आजादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारी अंग्रेजों को संचार से वंचित करने के लिए टेलीग्राम लाइनें ही काट डालते थे.