जम्मू कश्‍मीर : पीडीपी के तेवर सख्‍त, NC ने कहा-भाजपा से कोई डील नहीं

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला अभी तक नहीं हो पाया है. भाजपा व पीडीपी अनेक पक्षों के साथ किसी व्यावहारिक समाधान पर पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. इधर, राज्यपाल ने सरकार गठन पर चर्चा के लिए दोनों पार्टियों को बुलाया. अटकलें हैं कि 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 8:40 AM

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला अभी तक नहीं हो पाया है. भाजपा व पीडीपी अनेक पक्षों के साथ किसी व्यावहारिक समाधान पर पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. इधर, राज्यपाल ने सरकार गठन पर चर्चा के लिए दोनों पार्टियों को बुलाया. अटकलें हैं कि 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 सदस्यों वाली पीडीपी या तो 25 विधायकों वाली भाजपा के साथ गंठजोड़ कर सकती है या फिर 15 सदस्यीय नेशनल कांफ्रेंस के बाहरी समर्थन के साथ कांग्रेस से हाथ मिला सकती है, जिसके 12 सदस्य हैं. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने भी पीडीपी को समर्थन की पेशकश की है.

पीडीपी ने अपने तेवर सख्‍त करते हुण्‍ शुक्रवार को कहा कि राज्य में बारी-बारी से सीएम का सवाल ही नहीं उठता है. पार्टी कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के साथ 44 के आंकड़े तक पहुंच सकती है. पार्टी का मानना है कि सीएम घाटी से हो, लेकिन अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा था कि सरकार गठन में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. चर्चा है कि पार्टी प्रधानमंत्री कार्यालय के केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह इसके प्रबल दावेदार हैं.

पार्टी नहीं, सवाल स्थिर सरकार का : भाजपा

भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में स्थिर सरकार देने के लिए सभी महत्वपूर्ण पक्षों के साथ परामर्श कर रही है. पार्टी ने पीडीपी के मुजफ्फर बेग समेत घाटी में सक्रिय अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सिलसिलेवार बैठक की. संवाददाताओं से कहा कि हम सभी महत्वपूर्ण पक्षों के साथ बैठक कर रहे हैं. पीडीपी के साथ बातचीत प्रारंभिक स्तर पर हैं. हम मानते हैं कि पीडीपी एक महत्वपूर्ण पक्ष है. उसे व्यापक जनादेश मिला है. मुफ्ती मोहम्मद सईद का पांच दशक लंबा राजनीतिक कॅरियर रहा है. माधव ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस को भी काफी सीटें मिली हैं. वह वाजपेयी के समय राजग सरकार में शामिल रही थी. हालांकि, स्पष्ट नहीं किया कि भाजपा दोनों में से किस पार्टी के साथ जाना पसंद करेगी. सवाल पार्टी का नहीं, बल्कि स्थिर व विश्वसनीय सरकार का है. भाजपा की जम्मू इकाई द्वारा मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जताने पर जोर देने की पृष्ठभूमि में माधव ने कहा कि पीडीपी या अन्य किसी पक्ष के साथ इस बारे में चर्चा नहीं हुई.

भाजपा से कोई डील नहीं : नेकां

नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा में कोई ‘डील’ नहीं हुई है. पीडीपी को समर्थन की ‘केवल मौखिक पेशकश की गयी है. ऐसा लगता है कि पीडीपी ने भाजपा पर दबाव बनाने के लिए नेकां के समर्थन का एक पत्र लीक कर दिया है, जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है.

पीडीपी व निर्दलीय के संपर्क में : कांग्रेस

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा जिस तरह क्षेत्रीय दलों का सफाया कर रही है, वह राज्य के लोगों के जनादेश के प्रति असंवेदनशील होने जैसा है. पार्टी प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा कि भाजपा को राज्य में सत्ता में आने से रोकने के लिए पीडीपी और निर्दलीय विधायकों के संपर्क में हैं.

भाजपा सरकार में नहीं रहेंगे : निर्दलीय

लांगेट से निर्दलीय विधायक अब्दुल राशिद शेख ने कहा है कि वह ऐसी किसी सरकार में शामिल नहीं होंगे, जिसमें भाजपा हो. घाटी में एक भी सीट हासिल नहीं करनेवाली भाजपा को अन्य पक्षों से बातचीत करने में इस हकीकत को भी ध्यान में रखना होगा.

सरकार बनाने में अपनी इच्छा थोप रही है भाजपा: माकपा

दिल्ली में माकपा ने भाजपा पर राज्य में अपनी राजनीतिक मंसूबे को लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. अपने बयान में कहा कि जम्मू कश्मीर में परिणामों की प्रकृति और त्रिशंकु विधानसभा के चलते सरकार बनाना पेचीदा हो गया है. जम्मू क्षेत्र में ध्रुवीकरण से फायदा उठाने वाली भाजपा सरकार बनाने में अपनी इच्छा थोपने की कोशिश कर रही है.

Next Article

Exit mobile version