नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि लोकसभा में सबसे बडी विपक्षी पार्टी के नेता को लोकपाल के अध्यक्ष एवं सदस्यों का चयन करने वाली समिति के सदस्य के तौर पर शामिल करने वाला विधेयक संसद के अगले सत्र में लाया जाएगा.
सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले सत्र में कुछ संशोधनों के साथ लोकपाल विधेयक लाया गया. सदस्यों ने इसमें बहुत दिलचस्पी दिखाई. यह फैसला किया गया कि विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजा जाए. सरकार ने इस पर ऐतराज नहीं जताया और विधेयक को सदन की प्रवर समिति के पास भेजा गया. विधयेक अगले सत्र में लाया जाएगा.’’
उन्होंने कहा कि लोकपाल कानून के सामने आ रही तकनीकी जटिलताओं को दूर करने के लिए कुछ संशोधनों की जरुरत थी. सिंह ने कहा कि सरकार ने सबसे बडी विपक्षी पार्टी के नेता को चयन समिति में शामिल करने के प्रावधान का भी प्रस्ताव दिया क्योंकि निचले सदन में अभी कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है.’’
कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मामलों के मंत्री सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक, 2013 सहित भ्रष्टाचार विरोधी सभी लंबित विधेयकों को पारित कराने की सरकार की मंशा है. लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून के तहत प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली चयन समिति में लोकसभा स्पीकर, निचले सदन के नेता प्रतिपक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित उच्चतम न्यायालय का कोई न्यायाधीश और राष्ट्रपति द्वारा नामित एक वरिष्ठ न्यायविद या कोई अन्य सदस्य शामिल होते हैं.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को देने की उसकी मांग ठुकरा दी थी. 543 सदस्यीय लोकसभा में 282 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बडी पार्टी है जबकि महज 44 सदस्यों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बडी पार्टी है. नेता प्रतिपक्ष का पद पाने के लिए कांग्रेस को 11 और सदस्यों की जरुरत थी जिससे निचले सदन में उसके कुल 55 सदस्य हो पाते.
सिंह ने एक ई-पुस्तिका का भी विमोचन किया जिसमें कार्मिक मंत्रलय द्वारा सुशासन के लिए की गई पहलों का जिक्र है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मियों की सेवानिवृति आयु 60 साल से घटाने या बढाने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष नहीं है. सिंह ने कहा कि ज्यादातर सरकारी कामों के लिए स्व-सत्यापन के प्रावधान को बढावा दिया जा रहा है और पूरे देश में यह रफ्तार पकड रही है.