अब भूमि अधिग्रहण संबंधी अध्यादेश लाने की तैयारी में नरेंद्र मोदी की सरकार

नयी दिल्ली : बताया गया है कि सरकार संप्रग सरकार के दौरान लागू भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधनों के लिए अध्यादेश लाने पर काम कर रही है. ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने आज अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की क्योंकि कहा जा रहा है कि सरकार अध्यादेश लाने की प्रक्रिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2014 3:08 AM
नयी दिल्ली : बताया गया है कि सरकार संप्रग सरकार के दौरान लागू भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधनों के लिए अध्यादेश लाने पर काम कर रही है. ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने आज अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की क्योंकि कहा जा रहा है कि सरकार अध्यादेश लाने की प्रक्रिया तेज कर रही है.
सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि अध्यादेश का रास्ता अपनाने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि सरकार देशभर में भूमि खरीद से जुड़े नये भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों को पुनर्वास, पुनर्स्थापना तथा मुआवजा प्रावधानों के अनुरूप करने के लिए 13 केंद्रीय कानूनों में संशोधन करने में नाकाम रही.
एक जनवरी 2014 को अमल में आए उचित क्षतिपूर्ति अधिकार एवं पुनर्वास, पुनर्स्थापना पारदर्शिता कानून 2013 में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि नये कानून के प्रावधानों के अनुरूप लाने के लिए कोयला क्षेत्र अधिग्रहण एवं विकास कानून 1957, राष्ट्रीय राजमार्ग कानून 1956 और भूमि अधिग्रहण (खदान) कानून 1885 सहित 13 वर्तमान केंद्रीय कानूनों में एक साल के भीतर संशोधन होना चाहिए.
हालांकि रेल, बिजली और गृह सहित संबंधित मंत्रालयों ने नये कानून की धारा 105:3 के अनुरूप कानून में संशोधन के लिए काम नहीं किया. परमाणु ऊर्जा कानून 1962, भारतीय ट्रामवेज कानून 1886, रेल अधिनियम 1989, प्राचीन स्मारक, पुरातत्व स्थल एवं अन्य कानून 1958, पेट्रोलियम एवं मिनरल पाइपलाइंस कानून 1962 और दामोदर घाटी निगम अधिनियम 1948 सहित अन्य कानूनों में भी संशोधन किया जाना है.

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