सोल : दक्षिण कोरिया की तीन दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मेजबान देश के व्यापार, उद्योग एवं उर्जा मंत्री यून सांग जिक से बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर जोर देते हुए एलएनजी टैंकर जहाजों के संयुक्त उत्पादन समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.
विदेश मंत्री सुषमा सरकार की पूर्व एशियायी देशों के साथ मिल कर काम करने की नीति ‘एक्ट ईस्ट पालिसी’ को आगे बढाने के प्रयासों के तहत यहां आयी है. वह दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री यून बाई युंग से के साथ मिल कर यहां कल भारत दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग की 8वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी.
इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की संपूर्णकी स्थिति की समीक्षा किए जाने के साथ विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूती प्रदान करने पर जोर दिया जाएगा. सुषमा ने यहां पहुंचने के बाद भारत के महत्वपूर्ण ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिये कोरिया के सहयोग को लेकर दक्षिण कोरिया के व्यापार, उद्योग एवं उर्जा मंत्री यून सांग जिक से मुलाकात की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें भारत की जहाज विनिर्माण कंपनियों के साथ मिल कर एलएनजी टैंकरों के सह-उत्पादन की संभावना पर बातचीत भी शामिल है. एलएनजी की देश बढती जरुरत तथा आयात के अनुमान के आधार पर सरकार एलएनजी टैंकर खरीदने के साथ उसके सह-उत्पादन पर भी विचार कर रही है.
विदेश मंत्री ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में दक्षिण कोरिया के साथ सहयोग की मजबूत वकालत की. यून सांग-जिक ने संकेत दिया कि ऐसे मामलों में व्यावसायिक निर्णय निजी कंपनियों को करना है, दक्षिण कोरिया सरकार का विचार है भारत आकर्षक कारोबारी गंतव्य है.
उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की नयी पहल के बाद खुले अवसरों का लाभ उठाने के लिये कंपनियों को प्रोत्साहित कर रही हैं. सूत्रों के अनुसार यून ने कहा कि भारत में हाल की गतिविधियों के मद्देनजर दक्षिण कोरिया में भारत के साथ आर्थिक संबंध बढाने की काफी उम्मीदें हैं.
दोनों मंत्रियों ने व्यापार घाटे के मुद्दे के समाधान की संभावना पर भी चर्चा की. व्यापार में बकाया भुगतान की स्थिति दक्षिण कोरिया के पक्ष में है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीय औषधि कंपनियों तथा साफ्टवेयर निर्यात के लिये समान अवसर देने की जरुरत पर बल दिया.
दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जतायी कि संबंधों की गति देने के लिये 2015 की पहली तिमाही में दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों की बैठक हो सकती है. सुषमा राष्ट्रपति पार्क गुएन हे से कल मुलाकात करेंगी. प्रवास के दौरान वह राष्ट्रीय रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तथा प्रमुख कोरियाई उद्योगपतियों से मिलेंगी. सुषमा के साथ गये प्रतिनिधिमंडल में रक्षा, पोत परिवहन, वाणिज्य एवं उद्योग तथा इलेक्ट्रानिक्स विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं.
द्विपक्षीय सहयोग के लिये भारत-दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग का गठन फरवरी 1996 में हुआ. इसके अध्यक्ष दोनों देशों के विदेश मंत्री हैं. अब तक संयुक्त आयोग की सात बैठकें हो चुकी हैं. पिछली बैठक वर्ष 2013 में नवंबर में हुई थी.