कैदी की मौत मामले की जांच में अधिकारियों को जिम्मेदार बताया गया
पणजी : गोवा के अगुआडा केंद्रीय कारागार में कथित तौर पर विषाक्त भोजन करने से एक कैदी की मौत के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कारागार के अधिकारियों ने समय रहते उपचार मुहैया नहीं कराया जिस वजह से उसकी मौत हुई.अतिरिक्त जिला अधिकारी दीपक देसाई ने 175 पृष्ठों की जांच […]
पणजी : गोवा के अगुआडा केंद्रीय कारागार में कथित तौर पर विषाक्त भोजन करने से एक कैदी की मौत के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कारागार के अधिकारियों ने समय रहते उपचार मुहैया नहीं कराया जिस वजह से उसकी मौत हुई.अतिरिक्त जिला अधिकारी दीपक देसाई ने 175 पृष्ठों की जांच रिपोर्ट कारागार महानिरीक्षक मिहिर वर्धन को सौंपी. इसमें उन्होंने कहा कि कारगार में कैदियों के बीच झड़पों में इजाफा हुआ है.
देसाई की रिपोर्ट में कहा गया है कि विषाक्त भोजन की समस्या दूषित पानी की वजह से पैदा हुई.बीते 31 मई को माधव गांवकर नामक कैदी की विषाक्त भोजन करने से मौत हुई थी और 100 से अधिक कैदी बीमार पड़ गए थे.न्यायमूर्ति डी वाइ चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एस सी गुप्ते ने कहा कि बच्चों को बाहर ले जाने संबंधी आदेश में जब बदलाव की मांग की जाती है तो परिवार अदालत के समक्ष पूरा खुलासा किया जाना चाहिए ताकि वह यह तय कर सके कि बदलाव जरुरी है या नहीं. वर्तमान मामले में ऐसा नहीं किया गया.बच्चों के पिता, संदीप तोशनीवाल ने इससे पहले 23 मई को परिवार अदालत में आवेदन दे कर बच्चों के साथ भारत में ही छुट्टियां मनाने की अनुमति मांगी थी.
तोशनीवाल की दो बेटियां हैं जिनकी उम्र क्रमश: 8 साल और 5 साल है.