चीन से सीमा विवाद का कारण लचर विदेश नीति

गुना : पूर्व थल सेनाध्यक्ष एवं समाजसेवी अन्ना हजारे के सहयोगी जनरल वी के सिंह का आरोप है कि भारत एवं चीन के बीच सीमा विवाद का मुख्य कारण हमारे देश की लचर विदेश नीति है.अन्ना हजारे की ‘जनतंत्र यात्रा’ के अवसर पर यहां उनके साथ एक सभा को संबोधित करने आए जनरल सिंह ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 4:58 PM

गुना : पूर्व थल सेनाध्यक्ष एवं समाजसेवी अन्ना हजारे के सहयोगी जनरल वी के सिंह का आरोप है कि भारत एवं चीन के बीच सीमा विवाद का मुख्य कारण हमारे देश की लचर विदेश नीति है.अन्ना हजारे की ‘जनतंत्र यात्रा’ के अवसर पर यहां उनके साथ एक सभा को संबोधित करने आए जनरल सिंह ने आज सुबह संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन ने भारत के अलावा उसकी सीमा से लगे प्रत्येक देश के साथ सीमा का निर्धारण किया हुआ है, लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं होने से हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है.’’

उन्होंने दावा किया कि पचास के दशक में चीन के तत्कालीन शासक चाउ एन लाई ने भारत को एक नक्शा दिया था, जिसके आधार पर अब तक दावे-प्रतिदावे चलते रहते है. चीन को कोशिश देश के अधिक से अधिक इलाके पर कब्जा जमाने की रहती है.जनरल सिंह ने कहा कि दूसरी ओर, भारत की लचर विदेश नीति, चीन की इस इच्छा प्राप्ति में सहायक की भूमिका निभाती है. इस लचर विदेश नीति के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय एवं विदेश मंत्रलय को दोषी बताया. उनका यह भी आरोप था कि भारत से उसका कोई भी पड़ोसी देश खुश नहीं है. जब तक देश की कोई ठोस विदेश नीति नहीं होगी, तब तक ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी.

देश की राजनीति में बिना राजनीतिक दल बनाए व्यवस्था परिवर्तन कैसे करेंगे इस प्रश्न के जवाब में जनरल सिंह ने कहा कि बीते 66 वर्षो में देश में राजनीतिक दल ही बतौर विकल्प सामने रहे हैं, अब हमारा मानना है कि अन्ना हजारे के इस आंदोलन के चलते किसी राजनीतिक दल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उल्लेखनीय है कि हजारे की यह जनयात्रा मध्यप्रदेश के 23 जिलों में 60 आम सभाएं करने के बाद आज गुना आई है.

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