विकास के लिए ABCD कल्चर को छोड़कर ROAD की रुपरेखा अपनाना जरुरीः नरेंद्र मोदी

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि काम करने की मौजूदा ABCD कल्चर को छोड़कर ROAD की कार्यप्रणाली को अपनाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम में कहा कि सरकार ऊपर से लेकर नीचे तक आम तौर पर ABCD संस्कृति में फंसी है. ए का मतलब है एवाइड (टालना), बी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 4:48 PM

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि काम करने की मौजूदा ABCD कल्चर को छोड़कर ROAD की कार्यप्रणाली को अपनाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम में कहा कि सरकार ऊपर से लेकर नीचे तक आम तौर पर ABCD संस्कृति में फंसी है. ए का मतलब है एवाइड (टालना), बी का मतलब है बाईपास (बचकर निकलना) सी का मतलब कनफ्यूज (भ्रमित) और डी का डिले (विलंब).

उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान पर नए बदलावों को जमीन पर उतारने के लिए हम पुराने लेट-लतीफी वाले सरकारी कामकाज के रिवाजों को बदल रहे हैं. मोदी ने कहा कि इस व्यवस्था को रिप्लेस कर हम ऐसे रोडमैप पर जा रहे हैं जहां सिर्फ सफलता ही सफलता है.

उन्होंने कहा कि अब सरकारी व्यवस्था ROAD की रुपरेखा पर काम करेगी. रोड में आर का मतलब है रिस्पांसिबिलिटी (जिम्मेदारी), ओ- ओनरशिप (स्वामित्व), ए- एकाउंटिबिलीटी (जवाबदेही) और डी- डिस्पिलिन (अनुशासन). उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि हमारे देश में ऐसे उत्पादों का निर्माण हो जो जीरो डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट वाला हो. सरकार मैक्सिमम गवर्नेंस और मिनिमम गवर्नमेंट की दिशा में कार्य कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में मेक इन इंडिया कार्यक्रम में कहा कि हम सभी निवेशकों की चिंता का ध्यान रखेंगे और विकास के लिए 5 एम – मैन, मटेरियल, मशीन, मिनरल और मनी का सहारा लेंगे. उन्होंने कहा, हमने पीपीपी मॉडल के लिए कई कदम उठाए.
उन्होंने देश के संतुलित विकास के लिए पूर्वोत्तर भारत के भरपूर विकास की भी बात कही. घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानूनों और सरकार के कामकाज की शैली में बदलाव का वादा किया ताकि रोजगार सृजित हो सके और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जा सके. ‘मेक इन इंडिया’ अभियान शुरू करने के तीन माह बाद सोमवार को प्रधानमंत्री ने विनिर्माण क्षेत्र को बाधित कर रही अड़चनों के बारे में शीर्ष उद्योगपतियों और सरकारी अधिकारियों की बातों को धैर्यपूर्वक सुना और सामूहिक एवं पारदर्शी निर्णय प्रक्रिया का वादा किया.
उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन माह में सरकारी मशीनरी को दुरूस्त किया गया तथा वह अब बदलाव के लिए तैयार है. यदि हमें कानून बदलना है तो हम तैयार है. यदि हमें नियम बदलना है तो हम तैयार हैं. यदि हमें व्यवस्था बदलनी है तो हम तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के कामकाज की बाधाओं को दूर किया गया है. उन्होंने सामूहिक निर्णय प्रक्रिया पर बल दिया.
इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कई प्रजेंटेशन भी दिखाए गए. इनमें स्किल डेवलपमेंट, रेवन्यु, लेदर, लेदर प्रोडक्ट्स, जेम्स एंड ज्वैलरी, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल, जैसे सभी क्षेत्रों की उपलब्धियां दिखाई गयी.

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