न्यायिक नियुक्ति आयोग बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली

नयी दिल्ली: उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की वर्तमान व्यवस्था खत्म करके उसके स्थान पर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का प्रावधान करने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति ने संस्तुति प्रदान कर दी है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसी वर्ष अगस्त में संसद द्वारा पारित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 4:34 PM

नयी दिल्ली: उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की वर्तमान व्यवस्था खत्म करके उसके स्थान पर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का प्रावधान करने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति ने संस्तुति प्रदान कर दी है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसी वर्ष अगस्त में संसद द्वारा पारित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक को राष्ट्रपति से संस्तुति मिल गयी है.नये कानून के तहत उच्चतम न्यायालय और 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिये 20 साल पुरानी व्यवस्था खत्म करके उसके स्थान पर न्यायिक नियुक्ति आयोग गठित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

न्यायाधीशों की नियुक्ति की मौजूदा व्यवस्था के तहत न्यायाधीशों का निर्णायक मंडल इसका फैसला करता था. इस व्यवस्था की लंबे समय से काफी आलोचना हो रही थी.संविधान के 124वें संशोधन के माध्यम से इस आयोग को सांविधानिक दर्जा प्रदान किया गया है. इस आयोग के अध्यक्ष प्रधान न्यायाधीश होंगे.

इस संविधान संशोधन विधेयक की 29 राज्यों में से 16 राज्य पुष्टि कर चुके हैं. किसी भी संविधान संशोधन विधेयक के लिये कम से कम 50 प्रतिशत विधान मंडलों से पुष्टि आवश्यक है.

प्रधान न्यायाधीश के साथ ही उच्चतम न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश भी राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के सदस्य होंगे. इसके अलावा कानून मंत्री और दो प्रबुद्ध व्यक्ति इसके सदस्य होंगे.

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