मोदी के सांप्रदायिक होने का कोई सबूत मुझे नहीं मिला : अन्ना

इंदौर : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कथित कोयला घोटाले में नैतिक आधार पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि इस ‘बडे घपले’ का सच सामने आ रहा है और देश के शीर्ष राजनीतिक पद पर मनमोहन का ज्यादा देर तक बने रहना उचित नहीं है. इंदौर प्रेस क्लब के ‘प्रेस से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2013 11:44 PM

इंदौर : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कथित कोयला घोटाले में नैतिक आधार पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि इस ‘बडे घपले’ का सच सामने आ रहा है और देश के शीर्ष राजनीतिक पद पर मनमोहन का ज्यादा देर तक बने रहना उचित नहीं है.

इंदौर प्रेस क्लब के ‘प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम में हजारे ने कहा, ‘कोयला घोटाले की तस्वीर एकदम स्पष्ट है. इस घोटाले का सच सामने आ रहा है. लिहाजा मनमोहन का अब ज्यादा देर तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहना ठीक नहीं है. उन्हें नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारते हुए इस ओहदे से इस्तीफा दे देना चाहिये.’

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर सांप्रदायिक विचारधारा के नेता होने के सियासी आरोपों पर अन्ना ने कहा, मोदी के सांप्रदायिक नेता होने का अब तक कोई सबूत मेरे सामने नहीं आया है. हालांकि, इसके साथ ही कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए अन्ना ने कहा कि मैं किसी भी पार्टी का पक्षधर नहीं हूं. न कांग्रेस गुणवत्ता पर चल रही है और न ही बीजेपी.

76 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कथित कोयला घोटाले को ‘बड़ा घपला’ करार दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच को सही अंजाम तक पहुंचाकर सच को सबके सामने लाने के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों से ‘आशादायी’ तस्वीर उभरती है.

हजारे ने एक सवाल पर सफाई दी, ‘यह कहना सरासर गलत है कि मैं कांग्रेस के विरोध में हूं. हमें कांग्रेस और भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन मेरा सवाल है कि भाजपा ने कोयला घोटाले का संसद में उचित विरोध क्यों नहीं किया.’

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