राष्ट्रपति ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर दिया बधाई संदेश, कहा सहिष्णुता को बढावा देना चाहिए

नयी दिल्ली: लोगों से नव वर्ष पर खुद को एक समावेशी समाज के निर्माण के प्रति समर्पित करने का अनुरोध करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि राष्ट्र को बहुलवाद पर गर्व करना चाहिए और सभी समुदायों के बीच सहिष्णुता और सद्भाव को बढावा देना चाहिए. राष्ट्रपति ने नव-वर्ष की पूर्व संध्या पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 7:49 PM
नयी दिल्ली: लोगों से नव वर्ष पर खुद को एक समावेशी समाज के निर्माण के प्रति समर्पित करने का अनुरोध करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि राष्ट्र को बहुलवाद पर गर्व करना चाहिए और सभी समुदायों के बीच सहिष्णुता और सद्भाव को बढावा देना चाहिए.
राष्ट्रपति ने नव-वर्ष की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में लोगों से देश में शांति एवं सुरक्षा को भंग करने वाले सभी प्रयासों पर कडी नजर रखने को भी कहा. असम में हिंसक घटनाएं, बेंगलुरु में विस्फोट और धर्मान्तरण के खिलाफ हिन्दूवादी संगठनों के अभियान की घटनाओं की पृष्ठभूमि के खिलाफ राष्ट्रपति ने लोगों से हिंसा का त्याग करने और सभी समुदायों के बीच सहिष्णुता और सद्भाव को बढावा देने को कहा.

मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैं अपने सभी देशवासियों को एक सुखमय और समृद्धिपूर्ण नव वर्ष के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. वर्ष 2015 शांति, प्रगति और सौहार्द से परिपूर्ण हो.’’ उन्हा्रेंने कहा, ‘‘हम हिंसा का त्याग करने तथा शांति एवं सुरक्षा को भंग करने वाले सभी आंतरिक और बाह्य प्रयासों पर कडी नजर रखने का निश्चय करें. हम बहुलवाद पर गर्व करें तथा सभी समुदायों के बीच सहिष्णुता और सद्भाव को बढावा दें.’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम नव वर्ष को एक ऐसे समावेशी समाज के निर्माण के प्रति समर्पित करें, जिसमें हमारी जनता के बीच सद्भाव और भाईचारा हो.’’ उन्होंने वर्ष 2014 में शुरु की गई कई नई पहलों की सराहना करते हुए कहा कि हमें इन पहलों को इनकी परिणति तक पहुंचाना होगा.

हमारे देश के दूरदराज के गरीबों और पिछडों तक विकास पहुंचना चाहिए. शासन को सभी स्तरों पर कुशल, पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक अनुकूल बनाना होगा. हमें महिलाओं की सुरक्षा के साथ साथ लैंगिक संवेदनशीलता भी सुनिश्चित करनी होगी. मुखर्जी ने अपने संदेश में कहा, ‘‘आइये, हम अपने राष्ट्र को उपलब्धियों की नई उंचाइयों तक ले जाने के लिए तहेदिल से और एकाग्रचित होकर प्रयास करें.’’

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