दिल्‍ली चुनाव में शीला दीक्षित होंगी कांग्रेस की स्‍टार प्रचारक, कल सूची होगी जारी

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आज कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की एक प्रमुख प्रचारक होंगी. इस बारे में संकेत हैं कि पार्टी उम्मीदवारों की प्रथम सूची कल या इसके अगले दिन जारी करेगी. शीला के पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने से इनकार किए जाने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2015 2:09 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आज कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की एक प्रमुख प्रचारक होंगी. इस बारे में संकेत हैं कि पार्टी उम्मीदवारों की प्रथम सूची कल या इसके अगले दिन जारी करेगी. शीला के पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने से इनकार किए जाने की खबरों के बीच कांग्रेस सांसद पीसी चाको ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘पार्टी के लिए शीला एक प्रमुख प्रचारक होंगी. वह एक स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाएंगी.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों की प्रथम सूची कल जारी हो सकती है और उसमें पार्टी के सभी आठ मौजूदा विधायकों के अलावा एक दर्जन ऐसे नाम होंगे जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे. गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुलाकात के बाद कयास लगाये जा रहे थे कि कांग्रेस दिल्‍ली में शीला दीक्षित से किनारा कर सकती है.

आम धारणा है कि 15 सालों तक दिल्‍ली में शीला दीक्षित ने बेहतरीन शासन रहा है. इन सालों में उनके द्वारा दिल्‍ली के विकास के लिए कई काम किये गये. इसी बीच पिछले विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को कड़ी टक्‍कर दी और दिल्‍ली में दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभरी.

70 विधानसभा वाले दिल्‍ली में पिछले विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस आठ सीटों पर सिमट गयी. आम आदमी पार्टी को 27 सीटें मिलीं. वहीं सबसे बड़ी पार्टी के रूप में 32 सीटें भाजपा ने जीती थीं. अन्‍य के खाते में 2 सीटें मिली. सरकार बनाने के लिए भाजपा के पास बहुमत का कोई समीकरण नहीं था.

ऐसे में कांग्रेस ने बिना किसी शर्त के केजरीवाल की पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की. लेकिन कुछ ही दिनों बार आपसी मतभेद में केजरीवाल अपने ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गये और उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री के पद से इस्‍तीफा भी दे दिया. तब से दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति शासन लगा हुआ है.

इस दौरान कांग्रेस के पास दिल्‍ली में कोई बड़ा चेहरा नहीं है जिसे वह चुनाव के दौरान मुख्‍यमंत्री के तौर पर सामने ला सके. अभी हाल में हुए कई राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का जादू चल रहा है और भाजपा कहीं बड़ी पार्टी तो कहीं बहुमत जुटाने में कामयाब हो रही है. ऐसे में समय में दिल्‍ली में भी चुनाव कांग्रेस का भाजपा से सीधी लड़ाई होगी.

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