उत्तराखंड में बारिश जारी, नदियां उफान पर
देहरादून : उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में आज भी बारिश जारी रही जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ गया.भारी बारिश के बाद उफनाई गंगा नदी ने ऋषिकेश के रायवाला क्षेत्र के गौहरीमाफी गांव में तबाही मचायी जिसमें बसंत कुमार बिड़ला समूह के एक गेस्ट हाउस का ज्यादातर हिस्सा और कुछ जमीन भी बह गयी. ऋषिकेश के […]
देहरादून : उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में आज भी बारिश जारी रही जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ गया.भारी बारिश के बाद उफनाई गंगा नदी ने ऋषिकेश के रायवाला क्षेत्र के गौहरीमाफी गांव में तबाही मचायी जिसमें बसंत कुमार बिड़ला समूह के एक गेस्ट हाउस का ज्यादातर हिस्सा और कुछ जमीन भी बह गयी.
ऋषिकेश के उपजिलाधिकारी एच एस मर्तोलिया ने बताया कि गंगा नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने और अपना रास्ता बदलने से गौहरीमाफी गांव में भूकटाव हो गया.उन्होंने बताया कि स्थिति पर वरिष्ठ प्रशासनिक और बाढ़ नियंत्रण अधिकारी नजर रखे हुए हैं.इस बीच, अन्य जगहों से मिल रही जानकारी के अनुसार, गंगा के अलावा भी प्रदेश की लगभग सभी प्रमुख नदियों– यमुना, कोसी,शारदा- का जलस्तर बढ़ा हुआ है.
हालांकि प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है और किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह चौकस है. इस बीच, बारिश और खराब मौसम के बावजूद पिछले महीने आयी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने और बांटने और यातायातमार्गोंको दुरुस्त करने का काम जारी रहा.
इस संबंध में स्वयं मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कल आपदा प्रभावित क्षेत्रों के ग्राम प्रधानों से फोन पर बात की और उनके यहां संचालित हो रहे राहतकार्योंकी स्थिति के बारे में जानकारी ली.बातचीत के दौरान, मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों से पूछा कि उनके यहां राशन, पेयजल,बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति है और उनके यहां आपदा से कितने घरों को और क्या नुकसान पहुंचा.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बहुगुणा के निर्देश पर ग्राम प्रधानों से सीधे वार्ता कर उनसे राहत कार्यों का फीडबैक लेने के लिए आठ बिंदुओं का एक प्रपत्र भी बनाया गया है और मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है. हालांकि, बीच-बीच में समय मिलने पर बहुगुणा खुद ग्राम प्रधानों से बातचीत कर रहे हैं.
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, आपदा से क्षतिग्रस्त 2092 मार्गों में से अब तक 1710 मार्गों को यातायात के लिए खोला जा चुका है जबकि शेष 382 मार्गों को खोले जाने के लिये युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है.पिछले महीने की 16-17 जून को मूसलाधार बारिश के बाद आयी जलप्रलय से उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्से में जानमाल का भारी नुकसान हुआ. इसमें जहां करीब 580 लोगों की मृत्यु हो गयी और 5748 लोग लापता हो गये वहीं हजारों की संख्या में मकान, सड़कें और पुल तबाह हो गये.