एम्स के मेडिकल बोर्ड ने किया आसाराम का परीक्षण, एक दो दिन में सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने आज स्वयंभू संत आसाराम बापू का चिकित्सा परीक्षण किया. जोधपुर बलात्कार मामले में उनकी जमानत की अर्जी के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद मेडिकल बोर्ड ने उनका परीक्षण किया. संस्थान के एक वरिष्ठ डाक्टर ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्देशों […]
नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने आज स्वयंभू संत आसाराम बापू का चिकित्सा परीक्षण किया. जोधपुर बलात्कार मामले में उनकी जमानत की अर्जी के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद मेडिकल बोर्ड ने उनका परीक्षण किया.
संस्थान के एक वरिष्ठ डाक्टर ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार एम्स ने सात सदस्यीय समूह का गठन किया. आसाराम बापू का एम्स के ट्रॉमा सेंटर में रेडियोलॉजी विभाग में परीक्षण किया गया और उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स की समीक्षा की गई.’’ उन्होंने बताया कि एक या दो दिन में बोर्ड उच्चतम न्यायलय को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.
सूत्रों ने बताया, ‘‘जांच के दौरान वह सहयोग करते रहे और चेहरे तथा माथे पर दर्द की शिकायत की.’’ आसाराम की जांच करने वाले दल का नेतृत्व न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डा. शशांक शरद काले ने किया.इससे पूर्व आसाराम बापू को आज सुबह कडी सुरक्षा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान लाया गया. स्वयंभू संत आसाराम सितंबर 2013 से जेल में हैं. उनके समर्थक आज बडी संख्या में अस्पताल पहुंचे, जिन्हें काबू करने के लिए कडे सुरक्षा उपाय किए गए थे.
एम्स के सूत्रों ने बताया, ‘‘एम्स में एक मेडिकल बोर्ड आसाराम बापू का चिकित्सा परीक्षण करेगा और जोधपुर बलात्कार मामले में उनकी जमानत की अर्जी के सिलसिले में उनकी मेडिकल रिपोर्ट की समीक्षा करेगा. वह एम्स पहुंच चुके हैं और प्रक्रिया जारी है.’’ शीर्ष अदालत ने 15 अक्तूबर को एम्स के निदेशक से कहा था कि वह मेडिकल रिपोर्ट की समीक्षा के लिए चिकित्सा बोर्ड का गठन करें और अगर जरुरत हो तो आसाराम का मुआइना भी करें ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें जोधपुर बलात्कार मामले में अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए या नहीं.
आसाराम की एक महिला अनुयायी ने एम्स में कहा, ‘‘हम आसाराम बापू के दर्शन करने के लिए सवेरे ही नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे. एक लडकी के आरोप लगाने से बाकियों का भरोसा नहीं टट्र सकता.’’ उच्चतम न्यायालय ने आसाराम के परीक्षण के लिए पहले 3 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की थी, लेकिन आसाराम के सडक मार्ग से यात्रा करने से इंकार करने के कारण इसे टाल दिया गया.
इससे पूर्व आसाराम ने उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दी थी और जोधपुर के एक अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें उन्हें तंत्रिका शूल से पीडित बताते हुए सर्जरी की सलाह दी गई थी.
न्यायालय ने आसाराम की जमानत याचिका नामंजूर करते हुए एम्स के मेडिकल बोर्ड से ताजा मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी.आसाराम के खिलाफ जोधपुर के उनके एक आश्रम में एक नाबालिग लडकी के कथित यौन शोषण के सिलसिले में जोधपुर की एक अदालत में बलात्कार, आपराधिक षडयंत्र और अन्य अपराधों में आरोप तय किए गए हैं.