शिवसेना ने न्यायालय के फैसले की आलोचना की

मुंबई : शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय के बार डांस पर सात साल से लगी रोक हटाने के फैसले की आज आलोचना की और सवाल किया कि क्या अदालतें देश का शासन चला रही हैं.पार्टी मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अदालतें सरकार को काम करने की अनुमति नहीं देतीं. इसके फलस्वरुप प्रशासन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2013 5:48 PM

मुंबई : शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय के बार डांस पर सात साल से लगी रोक हटाने के फैसले की आज आलोचना की और सवाल किया कि क्या अदालतें देश का शासन चला रही हैं.पार्टी मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अदालतें सरकार को काम करने की अनुमति नहीं देतीं. इसके फलस्वरुप प्रशासन शिथिल हो जाता है. अगर अदालतें हर क्षेत्र में हस्तक्षेप करती रहीं तो न्यायाधीशों का चुनाव लोगों के बीच से होना चाहिए. यही एकमात्र रास्ता है.’’

पार्टी ने कहा, ‘‘ हम यह सवाल पूछ रहे हैं कि वास्तव में देश कौन चलाता है. सरकार के फैसले को रद्द कर देने का चलन बढ़ा है.’’ महाराष्ट्र सरकार ने 2005 में बार डांस पर रोक लगा दी थी और इस मुद्दे पर कांग्रेस तथा विपक्षी शिवसेना एकराय थीं.

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