जबरन धर्मान्तरण के विरुद्ध कानून चाहती है भाजपा : अमित शाह

मुंबई : भाजपा ने आज कहा कि वह जबरन धर्मान्तरण के खिलाफ है और चाहती है कि धर्म परिवर्तन के विरुद्ध देश में कानून बने. मीडिया से उसने कहा कि जो दल धर्मान्तरण कानून बनाने पर सहमत नहीं है, वे उन पर दबाव बनायें. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने यहां संवादाताओं के साथ बातचीत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2015 9:12 PM
मुंबई : भाजपा ने आज कहा कि वह जबरन धर्मान्तरण के खिलाफ है और चाहती है कि धर्म परिवर्तन के विरुद्ध देश में कानून बने. मीडिया से उसने कहा कि जो दल धर्मान्तरण कानून बनाने पर सहमत नहीं है, वे उन पर दबाव बनायें.
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने यहां संवादाताओं के साथ बातचीत के दौरान कहा, भाजपा ने अपना रुख पहले ही स्पष्ट किया है. हम जबरन धर्मान्तरण के पक्ष में न पहले कभी रहे और न आज हैं. संसदीय कार्य मंत्री (एम वेंकैया नायडू) ने संसद में सुझाव दिया है कि धर्मान्तरण के विरुद्ध कानून बनना चाहिए. इस सुझाव पर आम राय बननी चाहिए. उन्होंने कहा, मीडिया को भी चाहिए कि जो दल इस सुझाव से सहमत नहीं हैं उन पर वह दबाव डाले. हम कानून बनाना चाहते हैं. समाज कानून से चलेगा. इससे अपने आप धर्मान्तरण रुक जाएगा.
उनसे सवाल किया गया था कि क्या देश में धर्मान्तरण बंद होगा और आने वाले दिनों में आरएसएस ऐसा कराएगी? आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ पर प्रतिबंध लगाने की कुछ हिन्दू संगठनों और संतों की मांग के बारे में शाह ने कहा, हमारे यहां विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. हर व्यक्ति को अपने विचार व्यक्त करने की आजादी है लेकिन जहां तक मेरा सवाल है, मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करुंगा.
देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के चुनावी वादे को पूरा करने संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इसमें अभी समय लगेगा. उन्होंने कहा हम 2004 में 8.4 प्रतिशत वृद्धि दर की अर्थव्यवस्था छोड कर गए थे. संप्रग सरकार अपने दस साल के शासन में उसे गिरा कर 4.6 प्रतिशत पर ले आई. 8.4 से 4.6 तक घटाने में संप्रग को दस साल लगे, तो इसे फिर से पिछले स्तर तक बढाने में ज्यादा समय लगेगा.

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