नयी दिल्ली : भारतीय तटरक्षक ने अरब सागर में बीच समुद्र में की गयी एक कार्रवाई में मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को घेर लिया जिसमें विस्फोटक लदा हुआ था, लेकिन उस पर सवार चार लोगों ने नौका में आग लगा दी. इसके बाद नौका में हुए विस्फोट में चारों संदिग्ध उसके साथ डूब गये.
वहीं खबर है कि उक्त नाव के अलावा क्षेत्र में दो और पाकिस्तानी नावें देखी गयी हैं जिनकी गतिविधियां संदिग्ध बनी हुई हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय तटरक्षक दल ने उनकी तलाश शुरू कर दी है. बताया गया है कि नाव पर सवार लोगों की बातचीत सुनने के बाद ही उनकी गतिविधियों पर सुरक्षा एजेसियों को शक हुआ और उनकी छानबीन में जुट गये हैं.
तटरक्षक जहाज व विमान इस बात का पता लगाने के लिए क्षेत्र में अभियान जारी रखे हुए हैं कि इसमें कहीं कोई जिंदा तो नहीं बच गया था. तटरक्षक व अन्य सुरक्षा एजेंसियां समुद्री रास्ते से खतरे के बारे में दी गयी गुप्त सूचनाओं के मद्देनजर गत कुछ महीनों से भारतीय समुद्री सीमा और तटवर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रख रही हैं. इस कार्रवाई से 26नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले जैसा हमला टल गया है. यह घटना उसी तरह की है जिसमें आतंकवादी कराची से एक नौका में आये थे और उन्होंने 26/11 को अंजाम दिया था.
बीच समुद्र में घेराबंदी
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एक गुप्तचर सूचना पर आधारित यह कार्रवाई गत 31 दिसंबर की आधी रात में की गयी. सूचना थी कि कराची के केटी बंदरगाह से मछली पकड़ने वाली एक नौका से अरब सागर में कुछ नियम विरुद्ध कार्य की योजना बनायी जा रही है. इस आधार पर भारतीय तटरक्षक के एक डोर्नियर विमान ने समुद्र-हवाई समन्वित तलाशी अभियान शुरू किया और मछली पकड़े जाने वाली संदिग्ध नौका का पता लगा लिया.
इसके बाद क्षेत्र में गश्त कर रहे तटरक्षक जहाज को उस ओर भेजा गया. यह नाव भारतीय जलक्षेत्र 10 से 15 किमी अंदर घुस आयी थी. तटरक्षक दल की नाव ने पोरबंदर के तट से 350 किमी की दूरी पर दिखी इस नाव को रुकने और जांच में सहयोग करने की चेतावनी दी. लेकिन, नाव ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और भारतीय जलक्षेत्र से भागने की कोशिश की. यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चला और तटरक्षक दल ने चेतावनी देने के लिए गोलियां दागी और वह उस नौका को रोकने में सफल रहा.
नौका में सवार चार व्यक्तियों ने तटरक्षक की रुकने और जांच में सहयोग करने की सभी चेतावनियों को नजरंदाज किया. कुछ ही देर बाद नौका के चालक दल के सदस्य नीचे के डेक कंपार्टमेंट में छुप गये और नौका में आग लगा दी. इसके परिणामस्वरूप एक विस्फोट हुआ जिसके बाद नौका में भयंकर आग लग गयी. अंधेरा, खराब मौसम और तेज हवाओं के चलते नौका और उस पर सवार लोगों को न तो बचाया जा सका और न ही उनकी बरामदगी ही हो सकी. नौका एक जनवरी को तड़के उसी स्थिति में जलकर डूब गयी. अब तक के सबूत पाकिस्तान की ओर से इशारा कर रहे हैं. भारतीय तटरक्षक के अतिरिक्त महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने नौका के संभावित मिशन और इस बारे में अंदाजा लगाने से इनकार कर दिया कि क्या इसमें कोई आतंकवादी कोण है.