कांग्रेस चलाएगी ”पोल-खोल” अभियान

नयी दिल्लीः गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधनते का कोई भी मौका कांग्रेस नहीं छोड़ना चाहती. तभी तो कांग्रेस ने मोदी के गढ़ में घुसकर उनकी पोल खोलने का जिम्मा उठा लिया है.मोदी को अब गुजरात में ही घेरने के लिए कांग्रेस ‘पोल-खोल’ अभियान चलाएगी. अगले तीन महीने कांग्रेस मोदी को अलग-अलग खुलासों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2013 8:07 AM

नयी दिल्लीः गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधनते का कोई भी मौका कांग्रेस नहीं छोड़ना चाहती. तभी तो कांग्रेस ने मोदी के गढ़ में घुसकर उनकी पोल खोलने का जिम्मा उठा लिया है.मोदी को अब गुजरात में ही घेरने के लिए कांग्रेस ‘पोल-खोल’ अभियान चलाएगी.

अगले तीन महीने कांग्रेस मोदी को अलग-अलग खुलासों और आंदोलनों से घेरेगी और ये साबित करेगी कि मोदी के सुशासन में कई झोल हैं.

यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर कांग्रेस को ऐसा ही करना था तो इसमें इतना वक्त क्यों लगाया गया. मोदी जहां देश भर का दौरा करके कांग्रेस पर हमला बोलते नजर आ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस भी मोदी को बख्शने के मूड में नहीं है.

कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि मोदी को उनके घर में ही घेरा जाए. राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद गुजरात में अगले तीन महीने का कार्यक्रम तय किया गया है जिसमें मोदी की विकास योजनाओं की पोल खोली जाएगी.

कांग्रेस बताएगी कि शिक्षा में गुजरात कितना पीछे है और टीचर्स के कई पद खाली हैं. इसके अलावा कांग्रेस ये भी बताएगी कि मोदी के गढ़ में बाल मृत्यु दर का आंकड़ा क्या है. एनआरएचएम में गुजरात में कितनी रकम का घोटाला हुआ है इसकी भी कांग्रेस पोल खोलेगी. साथ विकास का दम भरने वाले मोदी के दावों में कितनी सच्चाई है इस पर भी कांग्रेस हल्ला बोलेगी.

गुजरात से कांग्रेस के प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत ने कहा, ‘गुजरात में हमने तय किया है कि अगले तीन महीनों तक सारे कार्यकर्ता सड़कों पर रहेंगे और मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. मोदी उतने बड़े नहीं जितना वो बताते हैं.’

मोदी के राज में हुए दंगों और अल्पसंख्यकों की हालत पर भी कांग्रेस गुजरात सरकार को घेरेगी. कांग्रेस पूरे देश को बताएगी कि मोदी बहुत बड़े सांप्रदायिक हैं. ये कांग्रेस की उस नीति से बिल्कुल उलट है, जो उसने गुजरात के विधानसभा चुनाव में अपनाई थी. वहां मोदी की सांप्रदायिकता पर उसने बिलकुल भी हमला नहीं किया था.

कांग्रस के प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा, ‘मोदी दरअसल 1993 के बाबरी मॉडल और 2002 के गोधरा मॉडल को देश भर में फैलाना चाहते हैं, लेकिन ये नहीं चलेगा.’

इतना ही नहीं कांग्रेस मोदी के साइबर वार का मुकाबला करने के लिए हर राज्य के दस-दस कांग्रेसियों को दो दिन की ट्रेनिंग भी देगी. जिसके लिए मोदी की तर्ज पर ही बेंगलूरु से आईटी एक्सपर्ट बुलाए जा रहे हैं. खुद राहुल दो दिन की इस ट्रेनिंग में शिरकत करेंगे. साफ है कांग्रेस भले न कहे उसे भी ‘नमो’निया से डर लगने लगा है.

गुजरात में बैकफुट पर रही कांग्रेस सरकार मोदी को उनके घर पर ही घेरेगी, लेकिन सवाल यही है कि कहीं ये वार उल्टा न पड़ जाए, क्योंकि मोदी का तो मानना ही है कि बदनाम होंगे तो क्या नाम तो होगा.

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