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संदिग्ध पाकिस्तानी नौका का रहस्य गहराया, मलबे की खोज जारी

गांधीनगर : अरब सागर में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा पीछा किये जाने के बाद विस्फोट करने वाली रहस्यमयी नौका के मलबे और उस पर सवार चार लोगों के शव खोजने का काम चल रहा है क्योंकि यह उन लोगों के इरादे के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने में जांचकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. तटरक्षक […]

गांधीनगर : अरब सागर में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा पीछा किये जाने के बाद विस्फोट करने वाली रहस्यमयी नौका के मलबे और उस पर सवार चार लोगों के शव खोजने का काम चल रहा है क्योंकि यह उन लोगों के इरादे के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने में जांचकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.
तटरक्षक बल ने प्रवासी भारतीय दिवस और वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए गुजरात समुद्री सीमा पर गश्त और हवाई निगरानी बढा दी है. अगले सप्ताह होने जा रहे इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई विदेशी नेता शामिल हो सकते हैं.
तटरक्षक बल के कमांडर (उत्तर पश्चिम क्षेत्र) कुलदीप सिंह शेयोरन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नौका के मलबे और इसके चालक दल के सदस्यों के शवों की खोज जारी है.
मलबा और शव जांचकर्ताओं को उनके इरादे के बारे में कुछ निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद करेंगे. समुद्र में दो अन्य संदिग्ध नौकाओं से जुड़ी खबरों के बारे में उन्होंने कहा कि उनके पास इस तरह की कोई जानकारी नहीं है.
उन्होंने 31 दिसंबर और एक जनवरी के बीच की रात में चलाए गए अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तटरक्षक बल ने नौका पर ध्यान केन्द्रित किया क्योंकि उसे चालक दल के सदस्यों की पहचान के बारे में संदेह पैदा हुआ था क्योंकि वे अपने पहनावे से मछुआरे नहीं लग रहे थे तथा उनके पास मछली पकड़ने का जाल भी नहीं था.
शेयोरन ने कहा, हमने नौका पर चार लोग देखे, वे कहीं से भी मछुआरे जैसे नहीं लग रहे थे, उन्होंने टी-शर्ट और हाफ पैंट पहन रखी थी और इससे हमें संदेह पैदा हुआ. आईसीजी ने कहा कि उन्होंने इस नौका को पकड़ने के लिए आदर्श अभियान प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया. खुफिया जानकारी मिली थी कि यह नौका कुछ गैरकानूनी गतिविधियों के लिये पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची से रवाना हुई थी.
नौका में उसी के चालक दल के सदस्यों ने आग लगा ली जिससे विस्फोट हुआ और बाद में नौका डूब गई. यह घटना 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात को अरब सागर में पोरबंदर तट से करीब 365 किलोमीटर दूर तटरक्षक बल द्वारा पीछा किये जाने के बाद हुई.
यह पूछे जाने पर कि क्या नौका पर सवार लोग आतंकवादी थे, उन्होंने कहा, भारत की कई खुफिया एजेंसियां मिलकर इस घटना की जांच कर रही हैं और वे इसकी तह तक जाएंगी. शेयोरन ने कहा, हमें संदिग्ध नौका के बारे में (31 दिसंबर को) सुबह करीब साढे आठ बजे खुफिया सूचना मिली. हमने उस दिशा में अपना डोरनियर विमान और पोत रवाना किया और दोपहर एक बजे तक हमने नौका की सही तरह से पहचान कर ली.
उन्होंने कहा, मध्यरात्रि के करीब, हमारा पोत राजरतन उस पाकिस्तानी नौका के पास पहुंचा और आदर्श अभियान प्रक्रिया का पालन करते हुए इसे रोकने का प्रयास किया लेकिन आत्मसमर्पण करने के बजाय, नौका ने इधर-उधर जाना शुरु कर दिया और बत्तियां बंद कर लीं. हमने करीब डेढ घंटे तक उसका पीछा किया. आईसीजी अधिकारी ने कहा कि बहुत देर पीछा करने के बाद, हमने चेतावनी स्वरुप गोलियां चलाईं लेकिन नौका नहीं रुकी. हमने चेतावनी के लिए और गोलियां चलाईं. इसके कुछ समय बाद, नौका के चालक दल के सदस्यों ने इसमें आग लगा ली और बाद में वे उसके साथ डूब गये.
आईसीजी कमांडर ने कहा कि नौका घटना और प्रवासी भारतीय दिवस तथा वाइब्रेंट गुजरात समिट कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने गुजरात तट पर सतर्कता बढा दी है.
प्रवासी भारतीय दिवस का सात से नौ जनवरी तथा वाइब्रेंट गुजरात समिट का 11 से 13 जनवरी तक आयोजन होना है. उन्होंने कहा, हम चौबीसों घंटे अलर्ट रहते हैं, लेकिन इन सम्मेलनों के कारण हम अतिरिक्त अलर्ट हैं. हमारे पोत और विमान समुद्र में गश्त करने के अपने काम में जुटे हैं.

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