चुनाव में काले धन के इस्तेमाल पर सख्त है आयोग: पी के दास
भोपाल : मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष एवं स्वच्छ बनाने के लिए निर्वाचन आयोग काले धन के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगायेगा. भारत के निर्वाचन आयोग के महानिदेशक पी के दास ने यहां निर्वाचन व्यय पर निगरानी संबंधी एक दिवसीय राज्य-स्तरीय कार्यशाला में यह जानकारी देते हुए कहा कि […]
भोपाल : मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष एवं स्वच्छ बनाने के लिए निर्वाचन आयोग काले धन के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगायेगा.
भारत के निर्वाचन आयोग के महानिदेशक पी के दास ने यहां निर्वाचन व्यय पर निगरानी संबंधी एक दिवसीय राज्य-स्तरीय कार्यशाला में यह जानकारी देते हुए कहा कि मतदान केंद्रों पर कब्जा जैसी समस्या को समाप्त करने के बाद निर्वाचन व्यय पर निगरानी का मुद्दा प्रमुख चुनौती बनकर उभरा है.
उन्होंने कहा कि चुनाव में धन बल का इस्तेमाल भारत जैसे विकासशील देश के लिए कतई उचित नहीं है. धन बल को नियंत्रित करने के लिए ही इनकम टैक्स, कस्टम जैसी एजेंसियों को तैनात किया जा रहा है.
चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा अधिक राशि खर्च करने को आयोग के लिए एक गंभीर चुनौती बताते हुए दास ने कहा कि चुनाव में धन बल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए हालांकि कानून है, फिर भी निर्वाचन व्यय पर निगरानी के लिए सभी कारगर उपाय करने होंगे.
चुनाव में काले धन के इस्तेमाल में कई बार हेलीकाप्टर, एम्बुलेंस, शव-यात्रा वाहन, व्यावसायिक संस्थानों आदि का भी उपयोग होता है, जिन पर निगरानी रखनी होगी. उन्होंने अधिकारियों से निर्वाचन व्यय पर निगरानी के लिए आयोग के निर्देशों का निचले स्तर तक पालन करवाने को कहा.
दास ने निर्वाचन व्यय पर निगरानी के लिए अधिकारियों को अपना सूचना-तंत्र मजबूत बनाने को कहा. उन्होंने व्यावसायिक संस्थानों के लेन-देन पर भी नजर रखने को कहा.
मप्र के मुख्य आयकर आयुक्त एकेजैन ने इस अवसर पर कहा कि चुनाव के द्वारा ऐसे प्रतिनिधियों को चुना जाना चाहिए, जो कि लोक-सेवा के कार्य करें न कि स्व-सेवा के. पिछले चुनावों से चुनाव प्रक्रिया में पैसे का बेजा इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते निर्वाचन व्यय पर निगरानी के कार्य को गंभीरता से लें तथा निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें.
कार्यशाला में मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद ने बताया कि निर्वाचन व्यय पर निगरानी को एक नयी पद्धति और योजना के साथ प्रदेश में लागू किया जा रहा है. उन्होंने निर्वाचन व्यय पर निगरानी को निष्पक्ष चुनाव के लिए महत्वपूर्ण बताया.
उन्होंने बताया कि आगामी चुनाव के लिये पहली बार जिला-स्तरीय व्यय निगरानी नोडल अधिकारी तैनात किये गये हैं. चुनाव में खर्च की निगरानी के लिये अधिकारियों को निर्धारित माड्यूल के अनुसार ट्रेनिंग की पुख्ता व्यवस्था की गयी है.