बड़ा खुलासा : एक नहीं दो पाकिस्तानी नाव पर सवार थे आतंकी
नयी दिल्ली : पाकिस्तान के करांची के केटीबंदर से आयी नाव के संबंध में एक नया खुलासा हुआ है. यह नाव 31 दिसंबर की रात पोरबंदर से 365 किमी दूर देखी गयी थी. उनकी बातचीत से पता चला है कि वे एक कांटैक्ट के जरिए लगातार पाकिस्तान की सेना और समुद्री सुरक्षा एजेंसी के संपर्क […]
नयी दिल्ली : पाकिस्तान के करांची के केटीबंदर से आयी नाव के संबंध में एक नया खुलासा हुआ है. यह नाव 31 दिसंबर की रात पोरबंदर से 365 किमी दूर देखी गयी थी. उनकी बातचीत से पता चला है कि वे एक कांटैक्ट के जरिए लगातार पाकिस्तान की सेना और समुद्री सुरक्षा एजेंसी के संपर्क में थे. सूत्रों के अनुसार, यह जानकारी दो आतंकी नावों में सवार लोगों की बातचीत से मिली है. इन नौकाओं पर सवार लोगों की बातचीत ट्रेस करने वाले सूत्रों का कहना है कि यह मध्यस्थ अक्सर थाइलैंड में भी किसी से बात करता था.
बहरहाल, खुफिया सूचनाओं के बाद 12 जनवरी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित पोरबंदर दौरे को रद्द कर दिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी वहां भारतीय नेवी के एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे. वह इस कार्यक्रम में 11 से 13 जनवरी तक गांधीनगर में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात सम्मिट में भाग लेने के बाद शामिल होते. कई प्रमुख अंगरेजीमीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री के दौरे के रद्द होने की खबरें दी हैं.
उधर, आतंकी नौका मामले में मीडिया रिपोर्टों के बाद राजनीतिक स्तर पर विवाद छिड़ने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अबतक की जानकारी सार्वजनिक की गयी है और आगे जो जानकारी प्राप्त होगी उसे भी साझा किया जायेगा. वहीं कोस्ट गार्डस के आइजी कुलदीप सिंह श्योराण ने भी कहा है कि नाव पर सवार लोग मछुआरे नहीं थे, उन्होंने टी शर्ट व हॉफ पैंट पहनी थी. उधर, पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कोई नाव करांची से भारत की ओर नहीं गयी है.
सूत्रों के अनुसार, 31 दिसंबर की सुबह-सुबह कोस्ट गार्ड्स को खुफिया सूचना मिली थी कि दो संदिग्ध नौकाएं करांची के पास स्थित केटीबंदर से चल कर भारतीय सीमा की ओर आ रही हैं. इसके बाद कोस्ट गार्ड्स ने अपनी रणनीति बदली और समुद्र के बजाय हवा से निगरानी रखने का काम किया. भारतीय कोस्ट गार्ड्स को अपने ऑपरेशन में सफलता मिली और दोपहर बाद एक नाव को ट्रेस कर लिया गया, जबकि दूसरी नाव ट्रेस नहीं हो पायी. इसके बाद कोस्ट गार्ड्स ने अपने ऑपरेशन में आइसीजीएस राजरतन का प्रयोग किया और उसके माध्यम से इस नाव को रुकने की चेतावनी दी, जिसे इसने अनसुना कर दिया, जिसके बाद एक जनवरी तड़के नाव में विस्फोट हुआ और बाद में वह पानी में डूब गयी. जिस नौका में विस्फोट हुआ, उसमें चार लोग सवार थे. वहीं, दूसरी नाव से ट्रेस की गयी आवाज के आधार पर यह शक जताया जा रहा है कि वह संभवत: समुद्र में हथियार व विस्फोटक के लेन-देन के ऑपरेशन में लगा हो.
बहरहाल, भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का भी मानना है कि नौका में विस्फोटक ही थे और सरकार को इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी इस ऑपरेशन में सफलता के लिए कोस्टगार्ड को बधाई दी है. सूत्रों का संदेह है कि गुजरात में अगले सप्ताह होने वाले वाइब्रेट गुजरात सम्मिट या पीएम के प्रस्तावित पोरबंदर दौरे को आतंकी निशाना बनाना चाहते हों.
अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे से पहले भारत को दहलाना चाहते हैं आतंकी
पाकिस्तान में संचालित आतंकी गिरोह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के 26 जनवरी को भारत दौरे के पहले भारत को दहलाना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने इस खतरे में मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिया है. भारत को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान पोषित आतंकी को भी भारत में प्रवेश कराने की कवायद हो रही है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यौते पर अमेरिका के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर इस साल शिरकत करने वाले हैं. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते होंगे और आर्थिक व सामारिक मोर्चे पर भारत-अमेरिका एक नये युग की शुरुआत करेंगे. इससे पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गयी है.
सूत्रों के अनुसार, हाल में लाहौर में लश्कर के आतंकियों के साथ आइएसआइ की एक बैठक हुई, जिसमें आइएसआइ ने लश्कर से अपनी नाराजगी जतायी थी. सूत्रों का यह भी कहना है कि आइएसआइ ने लश्कर द्वारा जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में व्यवधान पैदा नहीं कर पाने के लिए नाराजगी जतायी. साथ ही उसे सरकारी भवनों, सेना के ठिकानों व जम्मू कश्मीर के नवनिर्वाचित विधायकों को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया. यह भी खुफिया सूचना है कि पाकिस्तान के आतंकी भारत में घुसने की कवायद में लगे हैं. इस संबंध में गृहमंत्री ने भी बयान दिया है.