मालेगांव विस्फोट: आरोपियों की आरोप मुक्त करने की मांग
मुंबई: विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा दायर आरोप पत्र में विरोधाभास होने का दावा करते हुए साल 2006 के मालेगांव बम धमाका मामले के पांच आरोपियों ने विशेष अदालत से खुद को आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया. नुरुलहुडा शमसोढोहा, शब्बीर अहमद मसीउल्ला, रईस अहमद रज्जब अली मंसूरी, मोहम्मद जाहिद अब्दुल माजिद और अबरार अहमद गुलाम […]
मुंबई: विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा दायर आरोप पत्र में विरोधाभास होने का दावा करते हुए साल 2006 के मालेगांव बम धमाका मामले के पांच आरोपियों ने विशेष अदालत से खुद को आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया.
नुरुलहुडा शमसोढोहा, शब्बीर अहमद मसीउल्ला, रईस अहमद रज्जब अली मंसूरी, मोहम्मद जाहिद अब्दुल माजिद और अबरार अहमद गुलाम अहमद ने खुद को आरोप मुक्त करने की मांग की. अदालत उनकी याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई करेगी.
यह याचिका एक गैर सरकारी संगठन जमीयत–उलेमा–ए–महाराष्ट्र ने दी, जो आरोपियों को मुफ्त कानूनी सहायता मुहैया करा रही है.विशेष मकोका अदालत के समक्ष दायर आवेदन में आरोपियों ने कहा कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ता, केंद्रीय जांच ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर आरोप पत्रों में विरोधाभास है.
आरोपियों ने कहा कि उन्हें मामले में फंसाया गया है और उन्होंने पुलिस आयुक्त या किसी अन्य सक्षम प्राधिकार को दोषी पुलिस और एटीएस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरु करने का निर्देश देने की मांग की.
एनआईए ने कहा था कि आरोपियों से उनका इकबालिया बयान स्वेच्छा से नहीं था और आरोपियों से दबाव में इकबालिया बयान लिया. वकील शरीफ शेख जमीयत–उलेमा–ए–महाराष्ट्र के जरिए आरोपियों को कानूनी सहायता प्रदान कर रहे हैं.
अदालत ने मालेगांव विस्फोटों में आरोपों का सामना कर रहे सात आरोपियों को इससे पहले जमानत दे दी थी, जब मामले की जांच कर रही एनआईए ने नवंबर 2011 में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी.
मालेगांव में 8 सितंबर 2006 को चार बम धमाकों में 37 लोगों की मौत हुई थी.