BJP के साथ गठजोड से कश्मीर में PDP का भविष्य हो सकता है खतरे में
श्रीनगर: पीडीपी के नवनिर्वाचित विधायकों ने चिंता जताई है कि अगर उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करती है तो घाटी में पार्टी का भविष्य खतरे में पड सकता है. पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि विधायकों ने अपने अपने […]
श्रीनगर: पीडीपी के नवनिर्वाचित विधायकों ने चिंता जताई है कि अगर उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करती है तो घाटी में पार्टी का भविष्य खतरे में पड सकता है.
पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि विधायकों ने अपने अपने चुनाव क्षेत्रों में लोगों से बात करने के बाद शीर्ष पीडीपी नेतृत्व को भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया.पीडीपी नेता ने कहा, ‘‘विधायक अपने अपने क्षेत्रों का दौरा करने के बाद इस प्रतिक्रिया के साथ लौटे कि अगर पार्टी सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाती है तो पीडीपी का भविष्य दांव पर लग सकता है.’’उन्होंने कहा कि विधायकों में इस बात पर आमसहमति है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए उनकी पार्टी को बहुत लंबा रास्ता तय करना है.
नेता ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370, आफस्पा हटाने जैसे मुददों पर भाजपा के एजेंडे और इन मुददों पर हमारे रुख को देखते हुए, दोनों दलों को समान आधार पर पहुंचने के लिए बहुत लंबी दूरी तय करनी है.’’ पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद और अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती संभावित गठबंधन साथी को लेकर फैसला नहीं कर पाए हैं और उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों से अपने अपने क्षेत्रों में लोगों से विशेषकर भाजपा के साथ गठबंधन के विषय पर बात करके जवाब देने के लिए कहा.पीडीपी नेता ने कहा कि कश्मीर में उच्च मतदान प्रतिशत भाजपा के ‘मिशन 44प्लस’ के जवाब में देखा गया क्योंकि मतदाता घाटी में राष्ट्रीय पार्टी के प्रवेश को रोकना चाहते थे.
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने जम्मू में भाजपा को बडी संख्या में वोट दिया, लेकिन कश्मीर और लददाख में उनका सूपडा साफ रहा. पीडीपी और एनसी जैसी पार्टियों के लिए यह मुश्किल स्थिति है.. एक ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन को सही ठहराना मुश्किल होगा जिसे बाहर रखने के लिए लोगों ने मतदान किया.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी सरकार बनाने के लिए जरुरी 44 विधायकों का समर्थन आसानी से हासिल कर सकती है लेकिन वह भाजपा को जम्मू क्षेत्र में मिले जनादेश का अपमान नहीं करना चाहती.