26/11 Mumbai Attack: 26 नवंबर 2008 की शाम रोशनी से नहाई मुंबई पर एक आफत आने वाली थी. लेकिन इस मुसीबत से अनजान शहर के लोग आम दिनचर्या में व्यस्त थे. उस खतरे से बेखबर जो कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई में दस्तक देने वाले थे. समुद्र के रास्ते एक नाव में सवार होकर जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकी मुंबई में दाखिल हुए और अपने साथ लाये बम और गोलियों से मुंबई को दहला दिया. आतंकियों के इस खौफनाक हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गये वहीं, 3 सौ से ज्यादा लोग घायल हो गये.
26/11 हमले में शामिल आतंकियों को भी जवानों ने ढेर कर दिया. और जो जिंदा पकड़ लिये गये उन्हें कानूनी कार्रवाई के बाद फांसी की सजा सुनाई गयी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ कि इसके बाद देश में पाकिस्तान प्रायोजित हमले बंद हो गये. 26/11 हमले के बाद भी देश के आतंकियों के कई हमले हुए जिसमें आम आदमी के साथ-साथ सेना के जवान भी शहीद हुए. एक नजर डालते हैं 26/11 के बाद देश में हुए बड़े आतंकी हमलों पर.
पंपोर में आतंकियों का हमला: जम्मू कश्मीर के पंपोर शहर में श्रीनगर जम्मू हाईवे पर आतंकवादियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया. इस हमले में सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हो गये थे. वहीं, हमले में 22 जवान घायल हो गये थे. यह हमला आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने किया था. हालांकि बाद में सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई में दो आतंकियों को मार गिराया था.
उरी में सेना के कैंप पर हमला: 18 सितंबर 2016 में आतंकियों ने एक बार फिर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देते हुए सो रहे सेना के जवानों पर हमला कर दिया. भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने पीओके से सटी उरी में सेना के 12 इन्फैंट्री ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला कर दिया. आतंकियों ने सो रही सेना पर गोलीबारी कर दिया. इस हमले में देश के 19 वीर सपूत शहीद हो गये थे. हालांकि, इस हमले के दस दिनों बाद भारतीय सेना के जवानों ने एलओसी क्रॉस कर पाकिस्तान के आतंकी कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया था.
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला: 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे. पुलवामा में करीब ढाई हजार जवान 78 बसों में सवार होकर जा रहे थे इसी दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने बस में विस्फोटकों से लदे वाहन से टक्कर मार दी. जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई. हालांकि इस हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के शिविरों पर हवाई हमले कर कई आतंकियों को ढेर कर दिया था.
ऐसा नहीं है कि 26/11 से पहले देश में आतंकियों ने हमला नहीं किया था. 26/11 से पहले भी आतंकियों के धमाके से कई बार देश के अलग अलग हिस्से दहल चुके हैं.
2001 में संसद पर हमला: साल 2001 में भारत की संसद पर शीतकालीन सत्र के दौरान आतंकियों ने अचानक से हमला बोल दिया था. आतंकियों का मकसद हमला कर देश के नेताओं की हत्या करना था. आतंकी हमले को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए- मोहम्मद ने अंजाम दिया था. आतंकी हमले में 9 लोगों की जान चली गई थी. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने 5 आतंकियों को भी ढेर कर दिया था.
मुंबई लोकल ट्रेन में धमाका: इसके बाद 11 जुलाई 2006 को भी मुंबई की लोकल ट्रेनों में एक के बाद एक कई धमाके हुए थे. सात धमाकों में 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और कितने ही घायल हुए थे. हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी.
मालेगांव धमाका: वहीं, 26 सितंबर 2006 को महाराष्ट्र में भी धमाका हुआ था. मालेगांव में आतंकियों के तीन धमाकों में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.